Top New Technology in India || भारत में शीर्ष नई तकनीक || 2022

 Top New Technology in India || भारत में शीर्ष नई तकनीक || 2022

https://imageio.forbes.com/specials-images/imageserve/615149d9f6e6189ca7f6ae3e/The-5-Biggest-Technology-Trends-In-2022/960×0.jpg?format=jpg&width=960

New Technology in 2022

हर साल मनुष्य जीवन में टेक्नोलॉजी (Technology) की सहायत से   थोडा थोडा बदलाव आता है। बदलाव प्रकृति का एक मात्र ऐसा नियम जो कभी नहीं बदलता। मनुष्य अपने काम को दिन प्रतिदिन और सहज बनाने के लिए नए नए टेक्नोलॉजी (Technology) का निर्माण करता रहता है। या फिर जो टेक्नोलॉजी (Technology) बन चुकी है, उसे और बेहतर बनाने की कोशिश में निरंतर लगा रहता है।

हर साल दर साल हमे नए टेक्नोलॉजी (Technology) के दर्शन होते है जिनका उपयोग करके हम अपने जीवन को तो सहज बनाते ही है साथ ही साथ हम अपने मनोरजन हेतु इनका जैम कर उपयोग करते है और उन मनोरजन और भी आर्कर्षित और रोमांचित बनाते है। आइये जानते है कुछ ऐसे ही नयी टेक्नोलॉजी के बारे में जो हमारे जीवन को और भी सुविधाजनक बनायेंगी तथा मनोरजन की दुनिया में चार चाँद लगा देगी।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी (Artificial Intelligence Technology):-

आज कल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का प्रयोग लगभग हर जगह हर क्षेत्र में हो रहा है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) टेक्नोलॉजी (Technology) के क्षेत्र में एक क्रान्ति है। ये एक टेक्नोलॉजी (Technology) के रूप में मानव स्वभावों की नक़ल है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) कई सालों से अस्तित्व में और इसकी एक नवीन शाखा आई है जिसका नाम मशीन लर्निंग है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) मोटर सिस्टम को संदर्भित करता है जो मानव मस्तिष्क की नकल करता है, और छवियों, भाषण तथा पैटर्न की पहचान कर और निर्णय सबंधी जैसे कार्य करने में सहायक होता है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग हम स्ट्रीम सर्विस, नेविगातिओं एप, होम पर्सनल असिस्टेंट, स्मार्ट होम डिवाइस, राइड शेयरिंग एप जैसे काम के लिए किया जाता है।

आपको जानकार शायद की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) हमारी दुनिया में 1956 से जो पहले से व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। असल में 6 में से 5 अमेरिका वासी किसी न किसी रूप में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग करते है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी  (Blockchain Technology):-

ब्लॉकचेन (Blockchain) का उपयोग इन्टरनेट ट्रांजैक्शन (Internet Transaction) को रोके जाने के लिए किया जाता है। ब्लॉकचेन (Blockchain) के साथ आपको लेनदेन की देखरेख करने या माननीय करने के लिए एक विश्वसनीय थर्ड-पार्टी एप्लीकेशन की आवश्यकता नहीं है।

ब्लॉकचेन (Blockchain) का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी और अन्य मेडिकल डाटा जैसी महत्वपूर्ण सुचना को सुरक्षित में सहायक सिद्ध हो सकता है। वैश्विक आपूर्ति श्रंखला में सुधार करने हेतु ब्लॉकचेन (Blockchain) का उपयोग भविष्य में किया जा सकता है।

वायरलेस चार्जर लैपटॉप (Wireless Laptop Charger):-

आज कल उपकरण तेज़ी से बदल रहे है। आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी इंसानों को तार जैसे झंझट चीज़ से कोसो दूर करने में लगी है। आपने वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging)के बारे में सुना होगा यहाँ तक की कुछ फोंस में ये सुविधा उपलब्ध है पर आने वाले समय में हमे लैपटॉप भी वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) जैसी सुविधा के साथ बाज़ार में देखने को मिलेगा।

हालाकि वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) टेक्नोलॉजी (Technology) अभी उतनी शक्तिशाली नहीं है की लैपटॉप (laptop) को चार्ज कर सके। लेकिन कुछ सालों इस उपकरण (Technology) का विकास (development) जैसे हुआ है उसको देखते हुए तो लगता है आने वाले समय में ऐसे चार्जर (Charger) देखने को मिल सकते है।

इंटेल (intel) जैसी कंपनी वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) का डेमो दिखा चुकी है। अगर ये आने वाले वक़्त में मुमकिन होता है तो मोबाइल (mobile) के साथ साथ लैपटॉप (laptop) के साथ  भी वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) का उपयोग कर सकेंगे।

 LiFi Technology:-

Lifi Technology के बारे में तो आप सब ने सुना ही होगा। ये भी wifi की तरह ही काम करता है। परन्तु य wifi से भी उत्तम टेक्नोलॉजी (Technology) है। ये wifi से कई गुना तेज़ काम करती है। इसमें visible light communication उपयोग होता है। LiFi में data transfer करने के लिए LED Bulb light का उपयोग किया जाता है।

Air Taxi – Bell Helicopter:-

आने वाले समय में हमे एयर टैक्सी देखने को मिल सकती है। अब टेक्नोलॉजी (Technology) की मदद से वो सब संभव है जो हमे एक कल्पना मात्र लगता था।

आपको बता दें की हेल्कोप्टर (Helicopter) का निर्माण करने वाली कंपनी “Bell” Air Taxi का प्रोटोटाइप तयार कर चुकी है। उम्मीद ये जताई जा रही है की 2022 में इसे लॉन्च भी कर दिया जाये। इस टैक्सी में 4 लोगों की बैठने की सुविधा होगी। आपको बता दें की कैब सेवा देने वाली कंपनी ऊबर (Uber) अभी से हेलीकाप्टर टैक्सी से पार्टनरशिप करने के प्रयास में लगी है।

होलोग्राम (Hologram):-

होलोग्राम (Hologram) के मदद से आप वर्चुअल- पिक्चर  (Virtual- Picture) रियल चीजों की प्रस्तुति की जाती है। जैसी की मान लीजिये की कोई इवेंट भारत में हो रहा है तो उसका लुफ्त अमेरिका जापान मतलब की दुसरे देश वासी भी उसी अनुभव के साथ उसका आनंद ले सकते है।

मशीन लर्निंग (Machine Learning):-

मशीन लर्निंग (Machine Learning) एक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का सबसेट है। मशीन लर्निंग (Machine Learning) कंप्यूटर (computer) को इस प्रकार प्रोग्राम करता है जिसके लिए वो बना ही नहीं था। मशीन लर्निंग (Machine Learning) की सहयता से आप कंप्यूटर (computer) को अपनी सुविधा के अनुसार प्रोग्राम्ड कर पायेंगे।

मशीन लर्निंग (Machine Learning) सभी उद्योग में उपयोग किया जाता है। जिसके कारण कुशल पेशवरों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। मशीन लर्निंग (Machine Learning) की मार्केट की बात करें तो इस साल 2022 में बढ़कर 8.81 बिलियन डॉलर होने के कयास लगाए जा रहे है।

इसका इस्तेमाल डाटा एनालिटिक्स (Data Analytics), रियल टाइम विज्ञापन, नेटवर्क घुसपैठ का पता लगाने हेतु , डाटा खनन करने के लिए और पैटर्न मान्यता के लिए किया जाता है।

Double Language Earbuds:-

लैंग्वेज इनोवेशन (Language Innovation) की बात की जाए तो गूगल (Google) का नाम सबसे पहले आता है। अभी तक गूगल (Google) ने सबसे ज्यादा ट्रांसलेशन टूल (Translation Tool) पेश किया है। जिसकी सहायता से आप किसी भाषा को अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी भाषा में बदल सकते है।

अब गूगल (Google) एक ऐसे तकनीक लेन जा रही है जो रियल टाइम ट्रांसलेशन (Real Time Translation) करने में सक्षम हो। गूगल (Google) ने कुछ दिन पहले इसका प्रोटोटाइप भी पेश किया था।

यह एयरबेड (Earbuds) 40 भाषाओं को ट्रांसलेट (Translate) करने में सक्षम है। इसमें डबल स्पीकर (Double Speaker) लगे हुए है जो एक सुनने का काम करते है और दूसरा आपको ट्रांसलेट (Translate) करके सुनाने का काम करते है।

ऑगमेंटेड एनालिटिक्स (Augmented Analytics)

ऑगमेंटेड एनालिटिक्स (Augmented Analytics) डाटा एनालिस्ट (Data Analyst) के बाज़ार में नया वरदान साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें मशीन लर्निंग (Machine Learning) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) तकनीक को ट्रांसफार्म (Transform) करके एनालिटिक्स कंटेंट (Analytics Content) को विकसित किया जाएगा।

ऑगमेंटेड एनालिटिक्स (Augmented Analytics) डाटा एनालिटिक्स (Data Analytics), डाटा शेयरिंग (Data Sharing) और बिजनेस इंटेलिजेंस (Business Intelligence) को बढ़ाने के लिए मशीन लर्निंग (Machine Learning) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing) का प्रोयोग किया गया है। इसे 2022 तक रोल आउट (Roll-out) किया जा सकता है।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एक डेटा विज्ञानिक (data Scientist) अपने डेटा (Data) को इकट्ठा (Collect) करने, तैयार करने और सफाई करने में अपना 80 प्रतिशत समय लगा देता है। यह उस समय को बचाएगा।

इन सबके अलावा 2022 में और भी चीज़े आने वाली है जैसे की  Augmented data management, continuous intelligence, explainable AI, Graph Analytics, Data Fabric, Conversation analytics, Commercial artificial intelligence . ये सारी चीज़े तकनीक की दुनिया को नई उचाई तक ले जाएँगी।

ऑल बेजल लेस स्क्रीन (All Bezel Less Screen):-

इस साल 2022 में बेज़ेल स्क्रीन वाले फोंस चर्चा का विषय बने हुए है। इस साल आपको ऑल बेजल लेस स्क्रीन (All Bezel Less Screen) वाले स्मार्ट फोंस (Smartphones) बाज़ार में देखने को मिल सकते है।

हर साल या फिर हर महीने mobile कंपनीयां अपने प्रोडक्ट में नए नए इनोवेशन करती रहती है और उसको और भी ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश करती रहती है।

इसी बीच ऑल बेजल लेस स्क्रीन (All Bezel Less Screen) लेकर mobile डिस्प्ले के अनुभव को नयी उचाई देने के लिए चर्चा में बना हुआ है।

ऑल बेजल लेस स्क्रीन (All Bezel Less Screen) वाले फोंस में आपको फ़ोन के फ्रंट पैनल में कुछ नहीं दिखाई देगा। इस टेक्नोलॉजी को खूब पसंद किया जा रहा है। इसी कारण से  मोबाइल कंपनियां ऐसे फोन ला रही है इसमें टच बटन तो होता ही नहीं है और कैमरा भी स्क्रीन के नीचे होता है जो निक दिखाई नहीं देता।

सेल्फ ड्राइविंग कार (Self Driving Car):-

आपने कभी कल्पना की है की गाडी खुद से काले और हमे कुछ करने की जरूरत न पड़े। तो अब ये कल्पना हकीकत में तब्दील हो गयी है। टेस्ला (Tesla) ने सबसे पहले ऑटो पायलट फंक्शन (Auto-Pilot function) वाली कार का आविष्कार किया था। और ऐसे कार हमे भविष्य में बड़ी संख्या में देखने को मिल सकते है। हालाकि अभी इसका उपयोग बहुत ही सिमित दायरे में हो रहा है। क्यूंकि सेल्फ ड्राइविंग कार (Self Driving Car) डायरेक्शन (Direction) के लिए वर्चुअल (Virtual) पे पूरी तरह निर्भर है। और सही ड्राइविंग (Driving) के लिए ये सेंसर की सहायता लेती है।

यह तकनीक (Technology) काफी लाजवाब है। इसमें लगातार सुधार कर इसको और भी बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। दुबई में ये तकनीक इतनी प्रचलित है की वहां पे ऑटो पायलट (Auto-Pilot) बस चल रही है। उम्मीद है की आने वाले समय में ये अन्य देशों में बहुत जल्द आये।

Big Aperture:-

दिन की तेज़ रौशनी में एक साधारण कैमरा भी अछि फोटो ले सकता है। लेकिन रात के समय कितना भी  अच्छा कैमरा क्यूँ न हो  फोटो अछि नहीं आती।

इस दिक्कत को दूर करने के ली कंपनियों ने बड़े अक्षरों के उपयोग के बारें में सोचा है। इसकी सहायता से कैमरा ज्यादा से जयादा रौशनी को कैप्चर करें और बेहतर तस्वीर ले सके।

5G Robot:-

2022 में 5g टेक्नोलॉजी (Technology) का आगमन हो चूका है। इससे इन्टरनेट की स्पीड बहुत तेज़ हो जाएगी इसके साथ ही साथ हमे नई टेक्नोलॉजी के भी दर्शन होंगे जैसे की 5g robot.

इस साल चीन की कंपनी हुवावे ने 5g robot का प्रदर्शन किया था। ये robot एक असिस्टेंट के रूप में काम करेगा जिससे की लोगों का काम और आसान होगा।

यह भी पढ़े :- सरकार ने किया एलान भारत हो 5g चलाने को तैयार (Government announced that India should be ready to run 5G)

Related post

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *