सार्वजानिक कंपनी (Public Company) किसे कहते है इसके विशेषताएँ व दोष (2022)

 सार्वजानिक कंपनी (Public Company) किसे कहते है इसके विशेषताएँ व दोष (2022)

हमारा यह लेख सार्वजनिक कंपनी (Public Company) के ऊपर है कि सार्वजनिक कंपनी किसे कहते हैं तथा इसकी क्या विशेषताएं हैं तथा इसकी क्या – क्या कमियां हैं ,दोस्तों मैंने आपको इससे पहले कि लेख में बताया कि कंपनी किसे कहते हैं तथा इसकी क्या विशेषताएं हैं और कंपनी के प्रकार भी बताएं  

सार्वजनिक कंपनी (Public Company) किसे कहते हैं ?

सार्वजनिक कंपनी (Public company) वह कंपनी होती है जो प्रविवरण जारी करके अंश जारी कर सकती है अर्थात ऐसी कंपनी जो जनता से पैसा इकट्ठा करने के लिए प्रविवरण जारी करती है और अपने अंशो  को खरीदने के लिए जनता को निमंत्रण देती है।

प्रविवरण से आशय ऐसे प्रपत्र, विज्ञापन या फिर सूचना से होता है जिसके द्वारा कंपनी अपने अंशों (Shares) या ऋणपत्रों (Debentures) को खरीदने के लिए जनता को निमंत्रण देती है।

एक सार्वजानिक कंपनी (Public company) में न्यूनतम अर्थात कम से कम सदस्यों की संख्या 7 और अधिकतम सदस्यों को संख्या निश्चित नहीं होती है। 

एक सार्वजानिक कंपनी के अंशधारी (Share Holder) या सदस्य आसानी से अपने अंशो को किसी दूसरे व्यक्ति या सदस्य को ट्रांसफर कर सकता है।

एक सार्वजनिक कंपनी (Public company) में न्यूनतम अर्थात कम से कम निदेशको की संख्या 3 होती है।

भारतीय कंपनी अधिनियम की धारा 2 (71) के अनुसार (As per Section 2 (71) of the Indian Companies Act)

  1. एक सार्वजनिक कंपनी वह कंपनी है जो निजी कंपनी नही होती है।
  2. ऐसी कंपनी जिसकी न्यूनतम प्रदत पूंजी (Paid-up Capital) निश्चित होती है।

यदि कोई निजी कंपनी किसी सार्वजनिक कंपनी की सहायक कंपनी है तो वह निजी कंपनी सार्वजनिक कंपनी ही मानी जायेगी।

यह भी पढें – Company किसे कहते हैं तथा इसके विशेषताएं व प्रकार (2022)

सार्वजानिक कंपनी (Public Company) की विशेषताएं

निजी कंपनी नही होती 

सार्वजनिक कंपनी की प्रथम विशेषताओं में से एक है की सार्वजनिक कंपनी कभी भी निजी कंपनी नहीं हो सकती।

अंशो का ट्रांसफर

सार्वजनिक कंपनी में अंशो के हस्तांतरण पर कोई रोक नहीं होता कंपनी का कोई भी सदस्य आसानी से अपने अंशो को किसी दूसरे व्यक्ति को दे सकता है।

सदस्यों की संख्या

एक सार्वजनिक कंपनी में सदस्यों की न्यूनतम संख्या 7 होती है और अधिकतम संख्या निश्चित नहीं होती है।

सहायक कंपनी

सार्वजनिक कंपनी की सहायक कंपनी भी सार्वजनिक कंपनी ही मानी जाती है चाहे वाह निजी कंपनी ही क्यों ना हो।

प्रदत्त पूंजी (Paid-Up-Capital)

किसी भी सार्वजनिक कंपनी की न्यूनतम प्रदत पूंजी (Paid -Up-Capital) निश्चित होती है।

यह भी पढें – Private limited Company किसे कहते हैं (2022)जाने हिंदी में

सिमीत दायित्वों का होना

एक सावजनिक कंपनी के सदस्यों का दायित्व सीमित होता है।

वार्षिक लेख

एक सार्वजनिक कंपनी को अपने वार्षिक लेख को प्रकाशित करना अनिवार्य होता है।

कंपनी अधिनियम 2013 का पालन

एक कंपनी सार्वजनिक कंपनी तभी हो सकती है जब वह कंपनी अधिनियम 2013 के सभी शर्तों व नियमों का पालन करती हो।

निदेशकों (Directors) की संख्या

एक सार्वजनिक कंपनी में न्यूनतम निदेशकों की संख्या 3 होनी चाहिए।

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SEBI की नियमावली

किसी सार्वजनिक कंपनी में प्रतिभूतियां (securities) SEBI के नियमावली के अनुसार जारी की जानी चाहिए।

अधिक मात्रा में धन (पूंजी) इकट्ठा करना

जब किसी सार्वजनिक कंपनी को अधिक पूंजी (Capital) की आवश्यकता होती है तो वह अपने share या debentures को इशू (issue) कर के धन इकट्ठा कर लेती है।

लोचकता (Elasticity)

किसी सार्वजनिक कंपनी में लोचकता से आशय यह है की ये कंपनी कभी भी ऋण ले सकती है, बिना किसी प्रतिबंध के अपने अंशो का हस्तांतरण (Transfer) कर सकती है, जनता से धन इकट्ठा करने के लिए अपने अंशो एवं ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है।

सार्वजनिक कंपनी (Public company) के दोष या कमियां

अत्यधिक नियमवाली

सार्वजनिक कंपनी (Public company) का एक दोष यह है की इसमें बहुत सारे काम होते है जिसके कारण इस कंपनी में बहुत सारे नियम बना दिए जाते है जिसको कंपनी को मजबूरी में ही लेकिन फॉलो करना परता है हमने आपको बताया था की एक सार्वजनिक कंपनी को SEBI के नियमो के अनुसार भी चलना परता है तो ऐसे में कंपनी को बहुत सारे नियमों को मानना परता है।

खर्चीला 

एक सार्वजनिक कंपनी (Public company) बहुत ही खर्चीली होती है क्युकी जब कंपनी को जनता से धन इकठ्ठा करने के लिए share और debenture issue करना होता है तो उसके लिए कंपनी प्रविवरण (Prospectus) का निर्माण करती है जिसमे काफी पैसा लग जाता है।

नियामक कानून को मानना

एक सार्वजनिक कंपनी को बहुत सारे कानूनों को मानना परता है जैसे RBI (Reserve Bank of India) के कानून या नियम, सरकार द्वारा पारित कानून या नियम इत्यादि।

अधीक पूंजी(Capital) की आवश्यकता

किसी भी सार्वजनिक कंपनी की शुरूआत करने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है कम पूंजी वाले व्यक्ति सार्वजनिक कंपनी की शुरूआत नही कर सकते।

भारत के कुछ सार्वजनिक कंपनियों (Public company) के नाम

  1. Tata motors
  2. Reliance Industries Ltd.
  3. Wipro technologies
  4. Maruti Suzuki India Ltd.
  5. Kotak Mahindra Bank
  6. State Bank of India
  7. HDFC Bank
  8. Infosys Limited.
  9. HUL (Hindustan Unilever Limited).
  10. ITC Limited.

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निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों आज हमने आपको सार्वजनिक कंपनी (Public company) किसे कहते है, एक सार्वजनिक कंपनी की क्या – क्या विशेषताएं होती हैं तथा एक सार्वजनिक कंपनी (Public company) के क्या – क्या दोष होते हैं के बारे में आपको बताया और हमने आपको कुछ सार्वजनिक कंपनियों के नाम को उदाहरण के तौर पर भी समझाया।

हमने सार्वजनिक कंपनी (Public company) के बारे में अपने लेख से कोशिश की है आपको संतुष्ट करने की अगर आपको कंपनी या फिर किसी भी अन्य विषय से संबंधित जानकारी चाहिए तो हमे कमेंट जरुर करें साथ में हमे ये भी बताएं की आपको हमारा ये लेख कैसा लगा।

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धन्यवाद!

 

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