कानपुर हिंसा | जाने क्या है वजह | कैसे हुई दंगे की शुरुआत | क्यों हुआ अंतरास्ट्रीय स्तर पर मामला गर्म 2022

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कानपुर हिंसा
कानपुर हिंसा आज देश आजादी के इतने सालो बाद भी धार्मिक और सांप्रदायिक हिंसा से गुज़र रहा है| आज के ज़माने में भी लोग एक दुसरे के धरम पर टिप्पड़ी कर दुसरे धर्म को भड़काना ये रोज़ का खेल हो गया है |
एक और हिंसा जो धर्म और सांप्रदायिक मामलो से की गयी, वो है कानपुर हिंसा |
कानपुर हिंसा कैसे हुई
कानपुर हिंसा की शुरुवात यतीमखाना इलाके की मुख्य सड़क और बाजार से हुई | धर्म के नाम पर पहले दो पक्षों के बीच बहस हुई, जब तक पुलिस वहां पहुची तबतक टकराव ,पथराव, कई गाडिया तोड़ी फोड़ी जा चुकी थी |
पुलिस ने जब दंगाइयों को रोकन शुरू किया तोह वह भाग कर तंग गलियों में जा छुपे और दंगायिओं ने उन्हें ही निशाना पे लेना शुरू कर दिया जिसके कारण कई पोलीस वाले जख्मी हो गए, लम्बे समय तक पथराव जारी रहने के कारण आसपास के थानों से और पुलिस बल बुलाना पड़ा | पुलिस ने आसू गैस के गोले छोड़े ताकि दंगाई तितर बितर हो जाए काफी समय बाद हालत काबू में आ गए |
पुलिस कमिश्नर और डीएम ने पूरी फाॅर्स पीएसी और आरएएफ के साथ हिंसा प्रभावित इलाको में फ्लैग मार्च किया.
जुलुस निकाल रहे थे : मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष ने बताया की वो शान्तिपूर्ण ढंग से जुलुस निकल रहा था जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे | उन्होंने कहाँ की जिसका मन हो दुकाने बंद करें जिसका मन हो न करें तभी अचानक पत्थरबाज़ी शुरू हो गयी |
दूकान बंद करवा रहे थे लोग : हिंदू पक्ष
हाता एक ऐसा इलाका है जहाँ हिन्दू ज्यादा संख्या में रहते है | कल कुछ लोग जुलुस निकल रहे थे और जबरजस्ती दूकान बंद करवा रहे थे| हमने विरोध किया तोह उन लोगों ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी | अगर पुलिस समय रहते नहीं पहुचती तो पूरा इलाका उनके कब्ज़े में आ जाता
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया की नमाज़ के उपरान्त कुछ लोगों ने वहां की दुकाने बंद करने का प्रयास किया , जब लोगों ने इसका विरोध किया तो आपस में टकराव और पत्थरबाज़ी की घटना हुई |
ये हिंसा शहर के बेकनगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क इलाके में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली |
पथराव के बाद दंगाइयों की विडियो वायरल हुई | पुलिस ने पथराव करने वाली भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े |
वायरल विडियो में दोनों पक्षों के कुछ लोगों का चेहरा साफ़ दिख रहा है |
विडियो में पुलिस हिंसा को शांत करने और लोगों को समझाती हुई नज़र आ रही है |
इस घटना के उपरान्त पुलिस और चौकन्ना हो गयी है और पुलिस बल इस इलाके में बढाते हुए इसे अपने नियंत्रण में ले लिया |
जिलाधिकारी नेहा शर्मा और पुलिस कमिश्नर विजय शंकर मीणा भी घटनास्थल पर मौजूद दिखे | इसका सबसे बड़ा कारण राष्ट्रपति जी और प्रधानमन्त्री जी का कार्यक्रम का होना भी रहा था
पुलिस कमिश्नर विजय शंकर मीणा ने बताया की “खुफ़िया जानकारी के आधार पर घटना के मुख्य आरोपी एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी को 12 घंटे के भीतर गिरफ़्तार कर लिया गया है. इसके अलावा इसी एसोसिएशन के तीन और लोगों को गिरफ़्तार किया है.”
कानपुर हिंसा की घटना पर एफ़आईआर
कानपुर हिंसा, कानपुर पुलिस हिंसा की घटना पर तीन एफ़आईआर दर्ज किये है | जिसमें 36 लोग एक ही सामुदाये के है | एफ़आईआर में घटना का समय दोपहर साढ़े तीन बजे बताया गया है.
एफ़आईआर में लिखी हुई बातें निम्न है :-
- “कुछ अराज़क तत्वों द्वारा नूपुर शर्मा के कथित बयान, मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर बाज़ार बंद का आह्वान किया गया था.”.
- “जुमे की नमाज़ के बाद जुलूस के रूप में शहर के बाबा चौराहे पर ज़बरदस्ती बाज़ार बंद कराया और आपत्तिजनक नारे लगाए गए.”
- कानपुर पुलिस के प्रभारी निरीक्षक नवाब अहमद के द्वारा दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ये भी लिखा है कि पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थरों से भी हमला किया गया.
- उपनिरीक्षक आरिफ़ रज़ा की तहरीर पर दर्ज हुई एफ़आईआर में कहा गया है कि कानपुर शहर के दादमिया चौराहे पर भी नई सड़क पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के विरोध में हिंसा हुई और भीड़ ने मारपीट की, पत्थरबाज़ी और गोला बारी की. इस एफ़आईआर में भी हयात ज़फ़र हाशमी और 18 लोगों को नामज़द किया गया है और 250 अन्य लोगों को हिंसा का अभियुक्त माना गया है.
आरोप है कि शहर के पेंचबाग़ चौराहे पर, “एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.”
पुलिस का कहना है की की उन्होंने जुलूस को आगे न बढ़ने अपील की थी इसके बावजूद 500 लोगों की भीड़ ने लाठी, डंडा, असलहों, पत्थर, से लैस होकर जान से मारे की नियत से हमला और फायर कर दिया.
पोस्टर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई करें
सीएम् योगी आदित्यनाथ जी ने कहा की प्रिंटिंग प्रेस जो ऐसे पोस्टर छापती है उस पर भी कर्वारही होनी चाहिए| इस तरह के पोस्टर सुर स्टीकर छापने वाले को जल्द से जल्द पकड़ा जाए |
कानपुर हिंसा होने की मुख्य वजह क्या है…?
कानपुर हिंसा, के संगठन एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन ने भाजपा की प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध करने हेतु मुस्लिम पक्ष ने दुकानों को बंद करने की अपील की थी | इस अपील के पोस्टर भी वायरल हो रहे है | और पोस्टर ये बात लिखी हुई है की गैर मजहबी भाइयों पर इसका कोई दाबाव नहीं है |
एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ उनपे करवाई करने के लिए स्थानीय प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा था और उनकी गिरफ़्तारी की मांग भी की थी |
परन्तु शुक्रवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद एवम प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी का कानपूर जिले में एक कार्यक्रम था | एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी के एक बयान का वीडियो भी वायरल है जिसमें वो कह रहे हैं कि पांच जून को सुबह 11 बजे कानपुर में सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी के कार्यालय के पास से जेल भरो आंदोलन करेंगे और लोगों से अपील कर रहे हैं की वो बड़ी तादाद में जेल भरो आंदोलन का हिस्सा बनें
इसी वीडियो में वो कहते हैं, “तीन तारीख़ को हमारा आह्वान दुकानों की बंदी का था. तीन तारीख को हमारे यहां कानपुर में प्रधानमंत्री हैं, देश के राष्ट्रपति हैं. प्रशासन ने कहा कि तीन तारीख़ को आप रद्द कर दें और 5 तारीख़ के कार्यक्रम का प्रशासन पूर्ण रूप से सहयोग करेगा. हमने प्रशासन की बातों पर यक़ीन करते हुए पांच तारीख़ का कार्यक्रम रखा है.
यह बयान देने वाले और जेल भरो और बाज़ार बंद का आह्वान करने वाले हयात ज़फ़र हाशमी पुलिस की दो एफ़आईआर में आरोपी नंबर एक के तौर पर नामज़द हैं.
गैंगस्टर एक्ट पे मुक़दमा हुई गिरफ्तारी
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि, “इस घटने को पुलिस ने बहुत गंभीरता से लिया है, और अतिरिक्त पुलिस बल भी भेजे हैं. कुल बारह कंपनी एक प्लाटून पीएसी को कानपुर के लिए रवाना किया गया है.”
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक़, “अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और मौके से पर्याप्त मात्रा में वीडियो मिले हैं जिसके आधार पर आगे की करवाई करेंगे और उपद्रवियों के साथ-साथ षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी.”
कानपुर हिंसा पर सियासती खेल चालु
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में ट्वीट कर कहा कि, “महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और खुफिया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए. हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है.”
बसपा प्रमुख मायावती ने भी घटना के बारे में ट्वीट किया, “राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जी के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिंताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक. सरकार को समझना होगा कि शांति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहाँ का विकास कैसे संभव? सरकार इस घटना की धर्म, जाति और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र और निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो. साथ ही, लोगों से शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील.”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर हिंसा में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गरम हुआ नुपुर शरमा का बयान वाला मामला
भारतीय जनता पार्टी ने नुपुर शर्मा को बर्खास्त कर दिया है | उनके खिलाफ कानूनी कारवाही शुरू हो चुकी है | मुम्बई पुलिस (महाराष्ट्र) ने समन भेजा है | पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर 22 जून को पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
- आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने (AIMPLB) ने कहाँ की भाजपा से निलंबित करना काफी नहीं है उन पर कानूनी कारवाही भी होनी चाहिए |
- पाकिस्तान, यूएई, ओमान, इंडोनेशिया, इराक, मालदीव, जॉर्डन, लीबिया, कुवैत, ईरान, सऊदी अरब, अफगानिस्तान समेत कई देशों ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित विवादित टिप्पणी पर विरोध जताया था।
- कतर, कुवैत, ईरान, सऊदी अरब और बहरीन जैसे देशों के समक्ष भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि व्यक्तिगत टिप्पणियों को तूल नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन इस विवाद की आड़ में भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर दुष्प्रचार की कोशिशों में जुटे इस्लामिक देशों के संगठन ओआइसी और इसके प्रमुख सदस्य पाकिस्तान को भारत ने कड़ी फटकार लगाई।
- कुवैत के अल-अर्दिया को-आपरेटिव सोसायटी स्टोर नामक सुपर बाजार में भारतीय सामान को हटा दिया गया। भारतीय चाय, मसाले, चावल की बोरियां समेत कई सामान को सुपर बाजार के सेल्फ से हटाया गया। साथ ही कुछ भारतीय उत्पादों को सेल्फ में प्लास्टिक से ढक दिया गया है और उस पर एक पर्ची चस्पा की गई। इस पर लिखा गया है- ‘हम भारतीय उत्पादों को हटा रहे हैं।’
- 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी कड़ी आलोचना की। हालांकि, ओआइसी की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत सरकार ओआइसी की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणी को सिरे से खारिज करती है। जिन टिप्पणियों का जिक्र किया गया है वह व्यक्तिगत स्तर पर किया गया है और वह भारत सरकार का विचार नहीं है। इन व्यक्तियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जा रही है। यह दुर्भाग्य की बात है कि ओआइसी सचिवालय कुछ स्वार्थी तत्वों के जरिये विभेदकारी एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है।
नूपुर शर्मा ने भाजपा द्वारा सस्पेंड किए जाने से पहले ही पूरे विवाद पर अपनी सफाई दे दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था- पिछले काफी दिनों से टीवी पर चर्चाओं में शामिल हो रही थी। यहां प्रतिदिन मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था। हमारे महादेव के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने गुस्से में आकर कुछ बातें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।’
पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ भाजपा द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है। नूपुर शर्मा को प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। उधर, नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी से निकाल दिया गया है।
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