35 हजार फीट की ऊंचाई पर केवल 15 मील की दूरी पर थे दो विमान, भीषण हादसा होते-होते बचा।

35 हजार फीट की ऊंचाई पर केवल 15 मील की दूरी पर थे दो विमान, भीषण हादसा होते-होते बचा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीलंकाई एयरलाइंस के एक प्लेन की तुर्की के ऊपर ब्रिटिश एयरवेज के विमान से हवा में टक्कर को कुशलतापूर्वक टाल दिया गया.
कोलंबो: श्रीलंकाई एयरलाइंस ने बुधवार को लंदन से कोलंबो की उड़ान के दौरान तुर्की में हवा में विमानों के टकराने की घटना को टालने की तत्परता दिखाने के लिए अपने पायलटों की सराहना की.सोमवार को लंदन से कोलंबो की उड़ान के दौरान पायलट की तत्परता के चलते उनका विमान ब्रिटिश एयरवेज के एक विमान से टकराने से बच गया.
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एयरलाइंस ने कहा कि पायलटों की तत्परता के चलते अत्याधुनिक संचार और निगरानी प्रणाली से लैस यूएल-504 विमान 13 जून को हादसा टालने में कामयाब रहा.इसने कहा कि पायलटों की सतर्कता से सभी यात्रियों, चालक दल के सदस्यों और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी.
यह स्पष्टीकरण मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि लंदन से कोलंबो के लिए उड़ान भरने वाले UL 504 ने तुर्की के एयरस्पेस (हवाईक्षेत्र) में खुद को अपनी अपनी सबसे बड़ी संभावित टक्कर से बचा लिया. रिपोर्ट के अनुसार, 275 यात्रियों के साथ इस फ्लाइट ने हीथ्रो से कोलंबो के लिए रवाना होने के दौरान तुर्की एयरस्पेस में प्रवेश किया था. श्रीलंकाई फ्लाइटस से कहा गया था कि वे अपनी ऊंचाई को 33 हजार फीट से बढ़ाकर 35 हजार फीट करें.
ठीक उसी समय श्रीलंकाई फ्लाइट को ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट के बारे में पता लगा जिसमें 250 से अधिक लोग सवार थे और यह फ्लाइट भी केवल 15 मील की दूरी पर 35 हजार फीट की ऊंचाई पर थी. उन्होंने अंकारा के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को इस बारे में सूचित किया.
अंकारा एयर ट्रैफिक कंट्रोल की ओर से दो बार गलती से इस बारे में मंजूरी दिए जाने के बावजूद श्रीलंकाई पायलटों ने फ्लाइट को और ऊंचाई पर ले जाने से इनकार कर दिया.हालांकि, चंद मिनट बाद हवाई यातायात नियंत्रक ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और श्रीलंकाई विमान को और ऊपर नहीं जाने की सूचना दी क्योंकि ब्रिटिश एयरवेज का विमान पहले ही 35,000 फुट पर उड़ान भर रहा था.