विधानसभा के बाद विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी और सपा में सीधा मुकाबला,

यूपी की 100 सदस्यीय विधान परिषद में बीजेपी के 35 सदस्य हैं जबकि सपा के 17 बसपा के 4 और कांग्रेस, अपना दल निषाद पार्टी और निर्दलीय समूह का एक एक सदस्य है. शिक्षक दल के दो सदस्य हैं जबकि एक निर्दलीय सदस्य है.
यूपी में विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) और सपा के बीच सीधी टक्कर के बाद दोनों दलों में एक बार फिर कड़ी टक्कर होने जा रही है. इस बार मौका होगा यूपी में विधानपरिषद चुनाव का. 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश विधान परिषद (UP Legislative Council Elections) के स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र चुनाव में इन दोनों दलों के बीच फिर जोर आजमाइश देखने को मिलेगी.
विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस और बीएसपी ने अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 255 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता हासिल की थी.जबकि सपा गठबंधन 125 सीटों पर सिमट गया था. सपा विधान परिषद के चुनाव के जरिये सदन में अपना बहुमत बरकरार रखने की कोशिश करेगी जबकि बीजेपी खुद बहुमत पाने का प्रयास करेगी. मतगणना 12 अप्रैल को होगी. दोनों दलों केबीच टक्कर इस चुनाव में मानी जा रही है.
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बीजेपी ने 9 अप्रैल को चुनाव के लिए सोमवार को अपने छह और प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. इससे पहले पार्टी ने 30 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया था. पार्टी ने जिन 36 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें से पांच ससपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.
वे शैलेंद्र प्रताप सिंह, सी पी चंद, रविशंकर सिंह पप्पू, रमा निरंजन और नरेंद्र भाटी हैं. सपा ने रविवार को अपने 34 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. पार्टी ने सहयोगी आरएलडी के लिए मेरठ-गाजियाबाद तथा बुलंदशहर की सीटें छोड़ी हैं.
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कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने कहा ‘ पार्टी ने विधान परिषद चुनाव के लिए कोई भी प्रत्याशी खड़ा नहीं करने का फैसला किया है. अब हम सिर्फ जीतने के लिए ही चुनाव लड़ेंगे. हम प्रदेश विधानसभा के हाल में हुए चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे हैं.
‘ बीएसपी के सूत्रों ने भी बताया कि पार्टी विधान परिषद चुनाव में कोई भी प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी. विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख सोमवार 21 मार्च थी.
यूपी की 100 सदस्यीय विधान परिषद में बीजेपी के 35 सदस्य हैं जबकि सपा के 17 बसपा के 4 और कांग्रेस, अपना दल निषाद पार्टी और निर्दलीय समूह का एक एक सदस्य है. शिक्षक दल के दो सदस्य हैं जबकि एक निर्दलीय सदस्य है. विधान परिषद की 36 सीटें पिछली सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण खाली हो गई थीं. सदन में 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।