बॉस की बात दिल पर लग गई! 50 साल की उम्र में BMC सफाईकर्मी ने पास की 10वीं की परीक्षा।

बॉस की बात दिल पर लग गई! 50 साल की उम्र में BMC सफाईकर्मी ने पास की 10वीं की परीक्षा।
मन में पढ़ने की इच्छा लिए यह शख्स तीन सालों से परीक्षा की तैयारी कर रहा था. बचपन में पढ़ाई छूट जाने के बाद उसने 50 साल की उम्र में अपना सपना पूरा करने की ठान ली. इस शख्स की कहानी सामने आने के बाद हर ओर उनकी चर्चा हो रही है.
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जीवन में कुछ हासिल करने के लिए कोई ‘सही’ उम्र नहीं होती है. मुंबई के एक सफाईकर्मी की कहानी इसका ताजा उदाहरण है. एक 50 वर्षीय बीएमसी सफाईकर्मी ने अपने पहले प्रयास में महाराष्ट्र एसएससी परीक्षा 2022 को पास करने में कामयाबी हासिल की है. मन में पढ़ने की इच्छा लिए यह शख्स तीन सालों से परीक्षा की तैयारी कर रहा था. बचपन में पढ़ाई छूट जाने के बाद उसने 50 साल की उम्र में अपना सपना पूरा करने की ठान ली. इस शख्स की कहानी सामने आने के बाद हर ओर उनकी चर्चा हो रही है.
3 साल पहले क्लास 8 में लिया था दाखिला
कुंचिकोरवे माशन्ना रामप्पा (Kunchikorve Mashanna Ramappa) बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के लिए काम करते हैं, जो देश का सबसे अमीर नगर निगम भी है. जानकारी के अनुसार, रामप्पा बीएमसी के सफाई विभाग के बी वार्ड में काम करते हैं. परीक्षा का प्रयास करने से तीन साल पहले, उन्होंने अपनी तैयारी शुरू करने के लिए कक्षा 8 में धारावी के यूनिवर्सल नाइट स्कूल में दाखिला लिया था. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में कार्यरत 50 साल के सफाईकर्मी ने अपने पहले प्रयास में 10वीं का एग्जाम पास किया है. उन्हें 57 फीसदी नंबर मिले हैं. अब वह 12वीं क्लास की परीक्षा भी पास करना चाहते हैं.
Mumbai: 50-year-old BMC sweeper Kunchikorve Mashanna Ramappa passes the 10th board examination in his first attempt
“I got 57%. I studied daily for 3 hours. My kids are graduates so they also helped me in my studies. I want to continue my studies and complete 12th also,” he says pic.twitter.com/vPenUZUVPD
— ANI (@ANI) June 18, 2022
इस बात ने किया प्रेरित
10वीं की पढ़ाई करने के फैसले के पीछे रामप्पा के पास एक खास वजह भी थी. दरअसल, जब भी वह सैलेरी बढ़ाने के लिए कहते तो बीएमसी अधिकारी कहते कि, ‘पढ़ाई करने पर सब कुछ मिलेगा.’ ऐसे में उन्होंने आगे पढ़ने की ठान ली. वह अपनी ड्यूटी के बाद हर शाम 7 बजे से 8.30 बजे तक स्कूल जाते थे. रामप्पा दो दशक से अधिक समय से बीएमसी में सफाईकर्मी के रूप में काम कर रहे हैं..
बच्चे करते थे पढ़ाई में मदद
उन्होंने कहा, ‘मुझे 57% मिले. मैंने रोजाना 3 घंटे पढ़ाई की. मेरे बच्चे ग्रेजुएट हैं, इसलिए उन्होंने भी मेरी पढ़ाई में मदद की. मैं पढ़ाई जारी रखना चाहता हूं और 12वीं भी पूरी करना चाहता हूं’. उन्होंने बताया कि वे बचपन में पढ़ने में सक्षम नहीं थे, लेकिन उन्हें खुशी है कि उन्होंने आखिरकार क्लास 10 की बोर्ड परीक्षा उन्होंने पास कर ली है. उन्होंने कहा कि, वह आगे पढ़ना चाहते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहते हैं.