पीयूष जैन की गिरफ्तारी को लेकर GST इंटेलिजेंस और परिजनों के अलग-अलग दावे, क्या है सच्चाई.

जीएसटी इंटेलिजेंस अहमदाबाद के एडीजी विवेक प्रसाद ने पीयूष जैन की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. आदेश में कहा गया है इंडस्ट्रीज कन्नौज के पार्टनर पीयूष कुमार जैन का बयान 25 दिसम्बर को दर्ज किया गया था .
घर पर की गई छापेमारी में करीब 200 करोड़ की राशि बरामद होने के बाद उत्तर प्रदेश के इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. टैक्स चोरी के आरोप में पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है. जीएसटी इंटेलिजेंस अहमदाबाद के एडीजी विवेक प्रसाद ने पीयूष जैन की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. आदेश में कहा गया है|
इंडस्ट्रीज कन्नौज के पार्टनर पीयूष कुमार जैन का बयान 25 दिसम्बर को दर्ज किया गया था जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने इंडस्ट्रीज, और फ्लोरा नेचुरल के जरिये इत्र से जुड़ा सामान भेजकर जीएसटी चोरी की. ये तीनों कंपनियां पीयूष जैन और उनके परिवार की है. पीयूष ने यह भी स्वीकार किया कि जो कैश अमाउंट 1,77,45,01,240 उनके कानपुर के घर से मिला है, वो उस टैक्सेबल सामान का है जो उनकी तीन कंपनियों द्वारा सरकार को नुकसान पहुंचाकर भेजा गया. जांच में ये पता चला कि के पार्टनर पीयूष जैन ने जीएसटी चोरी की ,सही टैक्स इनवॉइस जारी नहीं किए,अकॉउंट और रिकॉर्ड्स में हेराफेरी की, साथ ही सामान ले जाने और लाने में गड़बड़ी की. चूंकि ये मामला 5 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी का है
इसलिए ये मामला सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 132(1)(a) के तहत बनता और इसमें 5 साल से ज्यादा सज़ा का प्रावधान है. आगे सेक्शन 132(5) संज्ञेय और गैर जमानती हैइसलिए सीजीएसटी के सेक्शन 69(1) के तहत जो अधिकार दिए गए हैं उसके तहत में पीयूष जैन की गिरफ्तारी और आगे की जांच के आदेश देता है.
पीयूष जैन के कारोबार का है सारा पैसा :अरेस्ट मेमो के अनुसार, कानपुर से मिला पैसा पीयूष जैन के कारोबार का है. ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन की कंपनी के यहां छापेमारी हुई, जिसमें पाना मसाला और सुपाड़ी भेजने में जीएसटी चोरी का पता चला. फ़र्ज़ी इनवॉइस मिले,कंपनी से जुड़े शैलेन्द्र मित्तल के बयान लिए गए, उन्होंने गड़बड़ी की मानी. फिर 22 से 25 दिसम्बर के बीच पीयूष जैन के कानपुर के घर में छापेमारी हुई. पीयूष जैन की तीनों कंपनियों में 2021 में केवल 21 करोड़ का लेनदेन दिखाया गया जबकि पीयूष जैन की तीनों कंपनियों ने 4 सालों में 177.45 करोड़ का सामान भेजा,इसका मतलब ये हुआ कि हर साल इन्होंने 45 करोड़ का सामान बिना जीएसटी दिए भेजा.
इस तरह इन्होंने पिछले 4 सालों में 31.50 करोड़ की चोरी की. इस केस में जीएसटी चोरी करने के लिए जिस तरीके को अपनाया गया और केस से जुड़े बाकी लोगों से भी पूछताछ होनी है और जिस तरह के सबूत मिले हैं ,उसके हिसाब से पीयूष जैन जांच को प्रभावित कर सकते हैं,सबूत मिटा सकते हैं. इसलिए इस तरह के मामले की गहन जांच जरूरी है.जीएसटी की टीम ने 7 जगहों पर छापेमारी की
दूसरी ओर, पीयूष के परिवार ने आरोप लगाया है कि जीएसटी की टीम ने 22 दिसंबर को ही पीयूष को हिरासत में ले लिया था और चार दिन तक अवैध हिरासत में रखकर उनसे कई दस्तावेजों पर दस्तखत कराए गए. पीयूष जैन के दामाद नीरज जैन ने कोर्ट में दिए अपने शपथ पत्र में ये कहा है, ‘जीएसटी की टीम ने 22 दिसम्बर को ही पीयूष जैन को हिरासत में ले लिया. 4 दिन तक अवैध हिरासत में रखा और कई दस्तावेजों पर दस्तखत करवाए. जिस सेक्शन में गिरफ्तार किया गया उसमें 5 से 7 साल तक की सज़ा है इसलिए इसमें गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी. हम 52 करोड़ की पेनाल्टी भरने को तैयार थे ऐसे में ये गिरफ्तारी गलत है.’