माघ मास में गणेश जयंती पर करें इस आरती का पाठ, पूरी होगी मन की मुराद

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्मदिन मनाया जाता है. गणेश जयंती को गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से जानते हैं. इस दिन गौरी गणेश के पूजन के बाद इस आरती को करना शुभ माना जाता है
हिंदू धर्म में माघ के महीने (Magha Month) का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Magh Month Chaturthi) तिथि के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्मदिन (Ganesh Ji Janamdin) मनाया जाता है
इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा-उपासना विधि पूर्वक की जाती है. गणेश जयंती को गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से जानते हैं. पुराणों में माघ के महीने को मोक्ष का महीना माना गया है.
ऐसा माना जाता है कि इस महीने में गंगा-यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है. इस दिन गौरी गणेश के पूजन के बाद इस आरती को करना शुभ माना जाता है. वैसे भी किसी भी भगवान की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है.
भगवान गणेश जी की आरती |
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथेअंधे को आंख देत कोढिन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।