जानिए गुप्त नवरात्रि में कब किस देवी की होगी पूजा

 जानिए गुप्त नवरात्रि में कब किस देवी की होगी पूजा

माघ मास की गुप्त नवरात्रि 02 फरवरी यानि आज से प्रारंभ हो रही है

जो 10 फरवरी तक मनाई जाएगी. इस दौरान माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा की जाती है. कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में साधना पर बल दिया जाता हैं.मुख्य रूप से नवरात्रि शरद और चैत्र माह में पड़ती है, पर शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि चार प्रकार की होती है. माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैआइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि में कब किस देवी की पूजा-अर्चना की जाएगी

 

 

सनातन धर्म में माघ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. इस वर्ष माघ मास की गुप्त नवरात्रि 02 फरवरी यानि आज से प्रारंभ हो रही है, जो 10 फरवरी तक मनाई जाएगी. इस दौरान माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा की जाती है. कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में साधना पर बल दिया जाता हैं. मुख्य रूप से नवरात्रि शरद और चैत्र माह में पड़ती है, पर शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि चार प्रकार की होती है. माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि में कब किस देवी की पूजा-अर्चना की जाएगी.

इस दिन देवी के इस रूप की होगी पूजा-अर्चना

2 फरवरी बुधवार– मां शैलपुत्री की पूजा

3 फरवरी गुरुवार– मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

4 फरवरी शुक्रवार– मां चंद्रघंटा की पूजा

5 फरवरी शनिवार– मां कुष्मांडा की पूजा

6 फरवरी रविवार– मां स्कंदमाता की पूजा

7 फरवरी सोमवार– मां कात्यानी की पूजा

8 फरवरी मंगलवार– मां कालरात्रि की पूजा

9 फरवरी बुधवार– मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी की पूजा
गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी बुधवार से शुरू होगी, जो 10 फरवरी गुरुवार को समाप्त होगी.

कलश स्थापना मुहूर्त- 2 फरवरी को सुबह 8:34 से 09: 59 तक रहेगा.

वहीं अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:13 से 12:58 तक रहेगा

गुप्त नवरात्रि दसमहा विद्याएं

मां काली, तारा देवी,त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, माता मातंगी, कमला देवी, अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है इस दौरान उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों, पूड़ी, चना, हलवा का भोग लगाया जाता है. वहीं, 10 फरवरी गुरुवार को मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण होगा.

क्यों कहते हैं गुप्त नवरात्रि

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है. कहते हैं कि मां दुर्गा के भक्त आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगने देते कि वे कोई साधना कर रहे हैं. मान्यता है कि इस दौरान जितनी गोपनीयता बरती जाए उतनी ही अच्छी सफलता मिलती है.

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