बजट के अंदर कैसे रहे? || how to stay within Budget ? || 2022

बजट के अंदर कैसे रहे ? how to stay within Budget ?
अक्सर देखा जाता हैं की घर की महिलाएं सोचती है (Budget ) की घर परिवार में धन दोलत की कमी न रहे, परिवार के सदस्यों को रुपये-पैसे की कमी ना आए, इसके लिए महिलाएं अपनी खर्चों में भी काफी कटौती करती हैं। इसके बावजूद अक्सर ऐसा होता है कि महीने के आखिर तक आते-आते पैसे खत्म हो जाते हैं और सेविंग्स भी नहीं हो पातीं।
घर-परिवार की इमरजेंसी की जरूरतों और भविष्य को देखते हुए महिलाओं के लिए बचत करना बहुत जरूरी है। बजट (Budget ) करने से हमे कीई भी आपदा आने पर हम उन पैसे को वहा खर्च कर सकते है। इसलिए हमे बजट करना बहुत जरूरी होता है अगर आप को लगता है की खर्चा ज्यादा है और बजट (Budget ) नही हो पा रहा है तो आप अपने फालतू खर्च बन्द कर दीजिये। और उन पैसे मे ही बजट (Budget ) करना सीखिये।
बजत करने की कुछ टिप्स
बजट (Budget ) बानने के लिए आप पैसा आने से 2 दिन पहले ही नोट कर लीजिये। बजट (Budget ) बनाने में सबसे पहले अपने बड़े और जरूरी खर्चों की लिस्ट बना लें, जैसे मकान का किराया, बिजली का बिल, बच्चों की स्कूल फीस, ट्यूशन फीस, घर का राशन, होम लोन की ईएमआई, क्रेडिट कार्ड का बकाया आदि। लिस्ट बना कर आप उन पर पैसों को वहा लिख कर एक लिस्ट तेयार कर लीजिये!
आप हर समान मे पैसा की कटौती नही करे। बजट (Budget ) बनाने में खाने-पीने की चीजों पर कटौती नहीं करें। अगर आप अनाज जैसे कि दाल, गेंहू, चावल, मसाले आदि थोक की दुकान से खरीदेंगी तो पैसे की बचत के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी का सामान भी खरीद सकती हैं। मुमकिन हो तो सुपर मार्केट के बजाय लोकल मार्केट से ही अच्छा सामान खोजने की कोशिश करें। साथ ही मॉल में छोड़े-बड़े सामान पर मिलने वाले ऑफर और सेल का भी आप फायदा उठा सकती हैं।
आप इन तरह से भी पैसे आसानी से बचा सकती है।आप अकेले बजट (Budget ) बनायेगी तो दिमाग पर जोर पड़ेगा इसलिए घर का बजट बनाने के लिए उसमें अपने परिवार के बड़ों और बच्चों के खर्च मे बच्चो को जरूर शामिल करें। आप चाहें तो बच्चो से उनके खर्च के बारे मे इस बारे में एक बार बात भी करें और उसी के आधार पर उनके लिए बजट (Budget ) तेयार करे। फिर आता है किचन की जरूरी समान को कैसे मैनेज करे जैसे की बिजली और गैस का यूज जरूरत के हिसाब से करें।
ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी-छोटी बचत भी आपके लिए अच्छी सेविंग्स का साधन बन सकती हैं, बजट (Budget ) को और मजबूत बना सकती हैं। और इससे भी आपका पैसों की बचत हो सकती है। बजट (Budget ) बनाते समय हमे इन बातो का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे की अपनी इनकम और खर्चे का रिकार्ड साथ में रखें, क्योंकि इसी के आधार पर आप सेविंग्स के लिए अपना टार्गेट सेट कर सकती हैं और एक अच्छा बजट (Budget ) बना सकती हैं।
इसके लिये एक निर्धारित फॉर्मेट बना लें और उस पर अपनी इनकम और होने वाले खर्चों को उसमें जोड़ते जाएं। फिर इससे भी आपकी सेविंग हो सकती है। बजट (Budget ) बनाने के लिए हमे अपनी पसंद वाली छोटी और बड़ी चीजों की एक लिस्ट अलग से बनायें, जिन चीजों की जरूरत ज्यादा है, उन्हें अलग रखें। कभी-कभी हम घूमने,या खाने पीने मे फिजूलखर्ची कर देते है और इससे बाद में परेशानी होती है।
हमारे पास आखिरी महीने तक पैसे समाप्त हो जाती है। इसे देखते हुए जब भी पार्टी करने जाएं या आउटिंग पर जाएं तो उसके लिए अपने खर्च की लिमिट पहले से ही सोच लें। इससे अधिक पैसा खर्च न करे हमे ध्यान से पैसे का खर्च करना चाहिए। अगर बजट (Budget ) ज्यादा हो रहा है तो बजट (Budget ) को बोझ समझकर आप दुखी मत होए आप जब बजट (Budget ) बनायेगे तो शुरूआत में आपको इससे मुसिबत हो सकती है,
लेकिन इससे होने वाली बचत से आपको बाद में बड़े फायदे हो सकते हैं।बजट (Budget ) बनाने से आप अपने खर्चों पर असरदार तरीके से काबू रख सकती हैं और हमारी पैसे की बचत मजबूत हो सकती हैं।बजट बनाते हुए अलग-अलग खर्चों के लिए अलग लिफाफे रखें, जीससे की आप इसे आसानी से खर्च कर सकते है इससे आपको महीनेभर खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इमरजेंसी की जरूरतों के लिए एक लिफाफा अलग से बनाएं और इसमें भी कुछ रुपये अलग से रखें, क्योंकि इमरजेंसी जब भी और कभी भी आ सकती है और इससे आपका महीने का बजट पूरी तरह से बिगड़ सकती है। इसलिए इसके लिए पैसा अलग से रखे। ताकि आप बचत बना रहे और आपको बाद परेशानी मत हो। पूरे महीने के खर्चों का लिस्ट तैयार करते समय एक-एक खर्चे का अलग कॉलम बनाएं.
जैसे रसोई का कॉलम अलग, बच्चों की फीस का अलग, कपड़ों का अलग, यातायात पर खर्च होने वाले ब्यौरे को अलग कॉलम में लिखें बच्चे के देने वाले पैसें और किसी अन्य प्लान हो तो उसके लिए अलग से पैसे निकाल ले। सबके लिए एक लिस्ट तेयार कर ले।अब आपके सामने हर महिने में होने वाले मासिक खर्चे का हिसाब आ जाएगा इस तरह आप लगातार तीन महीने के खर्चों की डायरी तैयार करें।
अब हर कॉलम में खर्चों की लिख कर तेयार करें और उन नियमित खर्चों को टिक करें जो जरूरी हैं और उन पर क्रॉस का निशान लगाएं या बस थोड़ा सा कुछ भी टिक लगा दे। इसके अलावा उन खर्चों को अलग से नोट करें जिन्हें आप नियमित कर रहे हैं, लेकिन उन पर कंट्रोल किया जा सकता है शहरों में अक्सर ऐसा होता है कि हफ्ते में एक-दो दिन परिवार में बाहर का खाना आता है.
ये काफी लोग करते है की महीने मे एक या दो बार बाहर चले जाते है और घूमते फिरते है पर आपको पता है की इन मौज मस्ती मे आपकी पूरे हफ्ते के खाने का खर्चा इस एक-दो दिन के खाने पर ही खर्च हो जाता है. इसलिए घर पर ही बना खाना खाएं. इससे सेहत और जेब, दोनों ही तंदरुस्त रहेंगी।आप को घर मे ही कुछ अलग बना कर खा सकती है जो आपके शरीर को भी लाभ करेगा। फिर आप समान खरीदने जाती है तो फिजूलखर्ची मे दुनिया भर का फालतू समान उठा लाती है।
जिससे आपकी महीने खत्म होने से पहले ही पैसा खत्म हो जाता है और आगे जाकर आपको ही परेशानी होती है। इसलिए आप सबसे पहले बजट (Budget ) तेयार कर ले या जब भी आप समान खरीदारी के लिए निकल रहे हैं तो हमेशा घर से लिस्ट बनाकर चलें. जो सामान आपने लिस्ट में लिखा है उसी को खरीदें. शोरूम की चमकदार रोशनी में रखे सामान या खाने पीने या फालतू समान को बिना वजह न खरीदे ऑफर के चक्कर में तो कतई ना पड़ें।
क्योंकि ऑफर के चक्कर में हम वह चीज खरीद लेते हैं जिसकी हमें जरूरत नहीं है. हम समान लेने के लिए मॉल में से खरीदारी करने से बचें. हमेशा पंसारी की दुकान से ही घर के सामान की खरीदारी करें. जब भी समान खरीदे तो थोक खरीदे क्योंकि जब हम माल मे जाते है तो जहां खुद सामान चूज करने को मिलता है तो हम फालतू की चीजें भी खरीद लेते हैं जिनका ना हमें शौक है और ना ही जरूरत. इसलिए सबसे अच्छा होगा कि पंसारी की दुकान पर जाएं और घर से बनाकर लाई लिस्ट उसे देदे।
और अपनी जरूरत की समान लेले। वह लिस्ट के हिसाब से आपका सामान पैक कर देगा। रोजाना छुटमुट शॉपिंग करने के बजाय पूरे महीने का सामान एकसाथ खरीदें. रोजाना की शॉपिंग में खर्चा अधिक होता है. जबकि एकसाथ सामान खरीदने में आपको पैसों की बचत होगी और कुछ फालतू खर्च से राहत मिलेगी ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि बिल की जांच नहीं करते हैं. शॉपिंग के दौरान हमेशा बिल और सामान आपस में मैच जरूर करें और बिल की ठीक से पढ़ लिया करे।
बिल में वस्तु की कीमत को अच्छी तरह से देख ले और पुरा पैसा जोड़ कर के देख ले की पुरा कितना पैसा हो रहा है उसी हिसाब से आप पैसा दुकानदार को दे। क्योंकि अक्कर ऐसा होता है कि किसी वस्तु की कीमत ज्यादा जुड़ जाती है. और हम भूल कर टोटल पैसे से ज्यादा पैसा दुकानदार को दे देते है। लेकिन भूलवश ऐसा हो जाता है. या फिर लिस्ट में जोड़ा गया सामान पैकिंग से छूट जाता है. इसलिए दुकान का काउंटर छोड़ने से पहले बिल का मिलान जरूर कर लें। ये भी देख ले की पुरा समान है की नही लिस्ट मे देख कर समान मिला कर पैसा दे। इससे भी आपकी बजट (Budget ) सीमित होती है।
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