कैसे छुड़ाए बच्चों से मोबाइल (Mobile) चलाने की लत (2022)

Mobile Addiction: जब से कोरोना महामारी ने दुनिया में कदम रखा और देश में लॉकडाउन जैसे परिस्थिति उतपन्न हुई तब से माता पिता और उनके बच्चों को घर में रहना पड़ा जिसकी वजह से बच्चों को मोबाइल चलाने की लत लग गयी सुरु में तो माता पिता ने भी इस चीज को नजर अंदाज किया पर लेकिन धीरे धीरे बच्चों की ये आदत उनके परेशानी की वजह बन गयी।
क्योकि उन्होंने देखा की बच्चों का मन मोबाइल (Mobile) के अलावा किसी चीज में नहीं लग रहा ना हे पढ़ने में ना ही खेलने कुदने में और ना हे पेरेंट्स के साथ समय बिताने में जिस वजह से पेरेंट्स बहुत परेशान हो गए और उन्हें अपने बच्चों की फ़िक्र होने लगी क्योकि मोबाइल (Mobile) का असर उनकी सेहत और उनके मेन्टल हेल्थ पर भी दिखने लगा था।
और नतीजा ये निकला की बच्चों में चिड़चिड़ापन, सोचने की शक्ति का कम हो जाना, बच्चों में आलस का बढ़ना, उनका बाकि किसी भी काम में मन न लगाना यहाँ तक की पढाई में भी किसी चीज की दिक्कत आये तो उसे अपनी मेहनत से सोल्व करने के बजाय मोबाइल (Mobile) में ही इंटरनेट की सहायता से पल भर में उसके नतीजों को ढूंढ लेना हालाँकि इंटरनेट का इस्तेमाल करना सही है लेकिन इतना भी नहीं सही की आप अपने दिमाग का प्रयोग ही न करे।
आप छोटी सी छोटी बातों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करें। आज का हमारा ये ब्लॉग उन पेरेंट्स के लिए है जो अपने बच्चों के मोबाइल (Mobile) चलाने की आदत से परेशान है और अपने बच्चों को इस मोबाइल (Mobile) चलने की लत से निजात दिलवाना चाहते है। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जो आपके बच्चों से मोबाइल (Mobile) की लत को छुड़ाने में काफी कारगर साबित होगा तो चलिए सुरु करते है और आपकी परेशानी को कम करते हैं।
पेरेंट्स अपने मोबाइल (Mobile) में पासवर्ड का प्रयोग करें
माता – पिता इस बात का ध्यान रखे की आपका मोबाइल पासवर्ड (Mobile Password) प्रोटेक्ट हो क्योकि अक्सर आपने देखा होगा की जब पेरेंट्स अपना फ़ोन कही रख के छोड़ देते है या कोई दूसरे काम में व्यस्त हो जाते है तो बच्चे मोबाइल (Mobile) को पाते ही उसे चलाने लगते है।
ऐसे में अगर आपके मोबाइल में पासवर्ड लगा होगा या फिर आपने किसी भी मोबाइल (Mobile) लॉक टूल (Lock Tool) का इस्तेमाल किया होगा तो आपकी गैर हाजिरी में भी बच्चे आपका मोबाइल फ़ोन यूज़ नहीं कर पाएंगे। जिससे आपके बच्चे को मोबाइल की ज्यादा लत नहीं लगेगी और आप अपने बचे को मोबाइल से दूर भी रख सकेंगे।
खुद से काम करने को सिखाये
आपने देखा होगा की बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट का बहुत सौक होता है क्योकि एजुकेशन के तरफ बढ़ने की उनकी पहली सीढी यही से सुरु होती है। ऐसे माता पिता को अपने बीजी वकत में से कुछ समय निकाल कर अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें नयी नयी चीजों को बनाकर सीखना चाहिए क्योकि माँ बाप हे किसी भी बच्चे के पहले गुरु होते है।
अगर आप अपने बच्चों को सीखने में सफल होते है तो आपके बच्चे अपनी बाकि की जिंदगी में कभी भी सिखने से पीछे नहीं हटेंगे और वह क्रिएटिव मंद के होंगे। आपका ये तरीका भी आपके बच्चों को काफी हद तक मोबाइल (Mobile) की लत छुड़ाने में मददगार साबित होगा।
बच्चों के साथ खेले घर के अंदर ही मजेदार खेल
दुनिया में जिस तरह से कोरोना महमारीं ने तबाही मचाई ऐसे में कोई भी पैरेंट अपने बच्चों को बाहेर खेलने के लिए नहीं भेजना चाहते और साथ ही बदलते मौसम या इन्फेक्शन की वजह से बच्चों का बाहेर खेलना इनके सेहत को देखते हुए सुरक्षित भी नहीं होता है। ऐसे में अगर आप चाहे तो घर में हे अपने बच्चों के साथ कई मजेदार खेल, खेल सकते है जिसे इंडोर गेम्स कहते है जिन्हे आप घर के अंदर काफी आसानी से प्लान कर सकते है और बड़ी हे उत्सुकता से खेल भी सकते है और इस खेल का आनंद भी उठा सकते है।
उदाहरण – लूडो, कैरम बोर्ड, लुका छिपी इत्यादि।
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अगर आप कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों के साथ अपने बीजी शेड्यूलसे में से थोड़ा सा वकत निकाल कर अगर इनडोर गेम्स को खेले तो जल्द ही आपके बच्चे का ध्यान मोबाइल (Mobile) से हटकर खेल कूद की तरफ होने लगेगा जिससे उनके अंदर बौद्धिक विकास होगा और उनकी मोबाइल (Mobile) की लत भी छूट जाय्रेगी।
आउटडोर गेम्स
आप अपने बच्चों को आउटडोर गेम को खेलने पे ज्यादा पाबन्दी न लगाए हम मानते है की आपको अपने बच्चे की सेहत की फिक्र है पैर उन्हें एकदम से न रोके उन्हें बाहेर खेलने दें बल्कि आप उन्हें बाहेर खेलने के लिए प्रोत्साहित करे। क्योकि बच्चो पैर बेवजह रोक टोक लगाकर उन्हें घर में रखना उनको मोबाइल और टीवी की तरफ और भी आकर्षित करता है।
आप अपने बच्चों को उनके दोस्तों के साथ बाहर खेलने दें ऐसा करने से आपके बचे समाज में रहना सीखेंगे और उनका स्वाभाव भी मिलनसार होगा और वो एक्टिव भी होंगे। आउटडोर गेम के कुछ उदाहरण है – क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, पकड़म पकड़ाई, खो – खो, कबड्डी इत्यादि।
बच्चों से घर के काम में भी मदद लें
आमतौर पैर पपरेंट्स अपने बच्चों से घर के काम में मदद नहीं लेते उन्हें सिर्फ पढ़ने के लिए बोलते है लेकिन ये करना सही नहीं होता आपको अपने बच्चों से घर के कामों में भी मदद लेनी चाहिए ज्यादा बड़े नहीं पैर छोटे – मोटे काम तो उनसे कराने ही चाहिए।
जैसे कपड़ों को तय कर के रखना, जूते चप्पल को उनकी जगह पर रखना, घर की में थोड़ी बहुत मदद करना, कपड़ों को सूखने के लिए डालना, औरत कही के ना सही पर अपने कमरे को साफ़ सुथरा रखना, अपने खिलौनों को साफ़ करना और उन्हें अपनी जगह पर रखना।
आपके बच्चों की ये आदत भी मोबाइल (Mobile) की लत छुड़ाने में काफी मदद करेगी।
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आप अपने बच्चों से किताब पढ़ने को कहें
किताब पढ़ने की आदत आपके बच्चों के आज और भविष्य दोनों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा इसलिए आपको अपने बच्चे को किताब पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे आपके बच्चे के रीडिंग कैपेसिटी भी अच्छी होगी और उनकी शब्दावली (vocabulary) भी मजबूत होगी।
हम आपको ऐसा इसलिए करने को कह रहे क्योंकी आपने अक्सर देखा होगा की कई ऐसे बड़े बच्चे है जो किताब पढ़ने में असमर्थ है और उनकी Vocabulary भी कमजोर है। इसलिए बच्चों के अंदर किताबों को पढ़ने की उनकी ये आदत उनके आज और भविस्य दोनों के लिए अच्छी होगी।
बच्चों के साथ समय बिताएं –
आप या हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते की हम अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त होगये है की हम अपने बच्चों को वकत हे नहीं दे पाते। लेकिन माता – पिता दोनों को अपने परिवार को फर्स्ट प्रायोरिटी में रखना चाहिए। वह कही भी रहे भले से उनके सर पैर कितना भी प्रेशर क्यूँ न हो उन्हें उसी में से कुछ वकत अपने बच्चों के लिए निकालना चाहिए। अपने बच्चों के साथ समय को बिताये उन्हें हेर रोज कुछ न्य सिखाएं और कुछ न्य करने को कहे बचपन से हे उनके स्किल्स पर ध्यान दें।
उन्हें जिस चीज का भी सौक हो उन्हें वो करने के लिए कहे। अगर उन्हें खेलने कूदने में ज्यादा दिलचस्पी है तो उन्हें उसी में प्रोत्साहित करें। क्योकि अब आप देख सकते है की आज का जो समय चल रहा उसमे बच्चे चाहे तो खेल कूद में भी एक अच्छा करियर बना सकते है। अगर आपके बचे को पढ़ने लिखने में दिलचस्पी है तो ये और भी अच्छी बात है क्योकि अक्सर पैरेंट अपने बच्चों से यही चाहते है की उनका बच्चा पढ़ने लिखने में ज्यादा दिलचस्पी ले। अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो आप उसे अछि अछि कहानियां सुनाये।
और वो कहानी ऐसी हो जो आपके बच्चे को कुछ करने के लिए या कुछ बनने के लिए प्रोत्साहित करें जैसे – वीरों की कहानी, अपने देश के ऐतिहासिक पहलुओं की कहानी, ऐसी कोई भी कहानी जो आपके बच्चे को समाज से जोडें और एकअच्छा इंसान बनाएं। आप अपने बच्चे के साथ ज्यादा नहीं तो कम से कम आधा घंटे का समय बिताने का जरूर प्रयास करें। इससे आपका बच्चा कहीं न कही टीवी और मोबाइल की लत से जरूर बचा रहेगा।
और आपको ये बात का जरूर अहसाह रहे की मोबाइल की लत लगने में पूरी गलती आपके बच्चे की नहीं है कही न कही आप भी इसके लिए जिम्मेदार है। आप अपने बच्चों को पूरी तरह से कुसूरवार नहीं ठहरा सकते। आपका बच्चा तभी इन लतों से दूर रहेगा जब आप अपने बच्चे पे ध्यान देंगे उनके साथ समय बिताएंगे। उनके दोस्त बन कर उनके साथ रहेंगे, उनकी बातों को सुनेंगे अपनी बातों को कहेंगे। जिससे आप और आपके बच्चे के बिच अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो जाएगी जिससे आपके बचे आपसे कुछ भी कहने में हिचकिचाएंगे नहीं।
मोबाइल (Mobile) की लत छुड़ाने में थोड़ा वकत लगेगा तो आप धैर्य के साथ रहे और हमारी बताई हुई इन टिप्स को जरूर फॉलो करें। और हमे यकीन है की आप अपने बच्चों से मोबाइल की लत छुड़वाने में जरूर सफल होंगे।
निष्कर्ष :
दोस्तों आज का हमारा ये आर्टिकल बच्चों से मोबाइल (Mobile) की लत को कैसे छुडवाये को लेकर के था। आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा इसे कमेंट में जरूर बताएं और साथ ही अपने दोस्तों, अपने रिश्तेदारों और अपने आस – पड़ोस में भी जरूर शेयर करें। ताकि ये जानकारी जितनी हो सके उतने लोगों में जा सकें और भी ऐसे जानकारी को पढ़ने के लिए हमारे चैनल revoltnews24 को जरूर फॉलो करें।
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