I2U2 की पहली शिखर बैठक में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हम सभी एक अच्छे दोस्त है (Prime Minister Narendra Modi said at the first I2U2 summit that we are all good friends)

 I2U2 की पहली शिखर बैठक में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हम सभी एक अच्छे दोस्त है (Prime Minister Narendra Modi said at the first I2U2 summit that we are all good friends)

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I2U2 की पहली शिखर बैठक में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हम सभी एक अच्छे दोस्त है

(Prime Minister Narendra Modi said at the first I2U2 summit that we are all good friends

आई2यू2(I2U2) इस्राइल, भारत  यूएई और अमेरिका शामिल है। इसका पहला शिखर सम्मलेन कल यानी 14 जुलाई 2022 दिन गुरुवार को संपन्न हुआ। आई2यू2(I2U2) को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा की इस पहली समिट से ही आई2यू2(I2U2) ने एक सकरात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है, हमने कई क्षेत्रों में जॉइंट प्रोजेक्ट की पहचान की है और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी तयार किया है, उन्होंने आगे कहा की बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है।

सहयोग बढाने पे बनी सहमती (Agreed to increase cooperation):-

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आई2यू2(I2U2) को संबोधित करते हुए कहते है की हम सभी एक अच्छे दोस्त है और मुझे पूरा विश्वास है कि आई2यू2(I2U2) से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे। आई2यू2(I2U2) के पहले शिखर सम्मलेन में 6 क्षेत्रो में सहयोग बढ़ने की बात पे सहमती बनी।

इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड, , संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी सम्मलित हुए।

आई2यू2(I2U2) में शामिल है 4 देश (I2U2 includes 4 countries):-

आपको बता दें की 4 देशों की वर्चुअल बैठक जो हुई है उसे आई2यू2(I2U2) की संज्ञा दी गयी है। I2 का मतलब भारत (India), इस्राइल (Israeal), अमेरिका (United States of America), यूएई (United Arab Emirates)। इस संगठन को पश्चिमी देशों के एक क्वैड (Quad) के रूप में देखा जा रहा है। आई2यू2(I2U2) के उद्देश्य  परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, जल, ऊर्जा और खाद्य जैसे पुरे छः पारस्परिक रूप में पहचाने गए संयुक्त क्षेत्र को प्रोत्साहित अथवा बडावा देना है।

इस आई2यू2(I2U2) संगठन की कल्पना अक्टूबर में इंन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने मिल के की थी। इसमें से हर एक देश सहयोग के संभावित क्षेत्रों को लेकर नियमित रूप से शेरपा-स्तरीय चर्चा करते रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा….? (What did the Ministry of External Affairs say…?):-

आई2यू2(I2U2) के बैठक से पहले विदेश मंत्रालय ने बताया की इस बैठक में समूह के नेता आई2यू2(I2U2) ढांचे के तहत संभावित संयुक्त परियोजनाओं तथा अपने क्षेत्र एवं उससे आगे निवेश एवं कारोबार में आर्थिक गठजोड़ को मजबूत बनाने सहित आपसी हितों से जुड़े जैसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा होने की संभावना है। मंत्रालय का कहना है की , ये परियोजनाएं आर्थिक सहयोग के लिए मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं तथा हमारे कारोबारियों एवं कामगारों के लिए अवसर पेश करेंगी।

भारत में बनेगा फ़ूड पार्क सीरीज (Food Park Series to be made in India):-

आई2यू2(I2U2) के पहली समिट में ये बयान दिया गया की संयुक्त अरब अमीरात दो अरब डॉलर (करीब 15000 करोड़ रूपए) का निवेश करेगा जिसकी सहायता से भारत में इंटीग्रेटेड फ़ूड पार्क सीरीज को स्थापित किया जाये। हालाकि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने इस महीने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन में युद्ध और जलवायु परिवर्तन से पलायन और भुखमरी अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच सकता है।

रूस यूक्रेन के युद्ध पर हुई चर्चा (Discussion on the war in Russia Ukraine):-

आई2यू2(I2U2) के पहले समिट में रूस और यूक्रेन से युद्ध से जो अर्थव्यवस्था को जो नुक्सान हुआ है उसपे भी चर्चा हुई। आपको बता दें रूस पुरे दुनिया का तीसरा और यूक्रेन पुरि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अनाज निर्यातक है। इसके अलावा रूस उर्वरक अथवा प्रमुख इन्धन निर्यातक भी है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण इन दोनों के निर्यातक को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है।

रस और यूक्रेन के युद्ध के कारण जो निर्यातक बाधित हुआ है उसके कारण विस्व स्तर पर खाद्य की कीमतों ने रिकॉर्ड स्टार पर पहुच गया है। विकासशील देशों में कोरोना ने पहले ही परेशानी बड़ा राखी थी जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गयी थी। उसपर से ये युद्ध और भी परेशानियों को बड़ा दिया है।

अक्षय उर्जा की परियोजनाओं को मिलेगी गति (Renewable energy project will get momentum):-

बिजनेस टुडे पर छपी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चारों देश भारत में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा किसानों और खुदरा विक्रेताओं को नए जलवायु प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कचरे को कम करने, पानी के संरक्षण और फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए एक साथ लाने पर विचार किया जा रहा है।

दुनिया को और बेहतर बनाना चाहते है (Want to make the world better):-

आई2यू2(I2U2) के पहली समिट में इज़राइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, “वास्तविक समाधान केवल उन देशों के माध्यम से आएगा, जो संसाधनों को एक साथ लाना जानते हैं। हम दुनिया को बेहतर के लिए बदलना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाना है। चार अलग-अलग देश होने के बावजूद यह स्पष्ट है कि हम सभी एक ही चीज चाहते हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शामिल है और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना है।”

जलवायु संकट का मुद्दा भी उठाया गया (The issue of climate crisis was also raised):-

आई2यू2(I2U2) के पहली समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हुए और उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा की ज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनमें तेजी से जलवायु संकट या बढ़ती खाद्य असुरक्षा शामिल है…यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर हमले से अस्थिर बाजारों को और भी बदतर बना दिया गया है।

आई2यू2(I2U2) के संयुक्त बयान में क्या कहा गया (What was said in the joint statement of I2U2):-

आई2यू2(I2U2) के पहले समिट बैठक में ये कहा गया की “चार देशों के अनूठे समूह का उद्देश्य हमारे समाज की जीवंतता और उद्यमशीलता को  दुनिया के सामने आने वाली कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयोग करना है।” इसमें संयुक्त निवेश और स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा, पानी, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष में नई पहल पर विशेष ध्यान दिया गया है।

आई2यू2(I2U2) की शुरुवात कहाँ से हुई (Where did I2U2 originate…?):-

आई2यू2(I2U2) का गठन अक्तूबर 2021 में इज़रायल और यूएई के बीच अब्राहम समझौते के बाद किया गया था, ताकि इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढाँचे और परिवहन से संबंधित मुद्दों से निपटा जा सके। उस समय इसे ‘आर्थिक सहयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय मंच’ कहा जाता था। इसे ‘वेस्ट एशियन क्वाड’ की संज्ञा दी गयी थी।इस्राइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अमिद्रोर ने बताया कि इस्राइल बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के तीन दिनी कार्यक्रम का स्वागत करने की तैयारी में है। इसी दौरान आई2यू2 फोरम की उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसमें पीएम मोदी भी वर्चुअली भाग लेंगे।

आई2यू2(I2U2) क्या है …? (What is I2U2…?):-

आई2यू2(I2U2) पहल भारत (India) , इज़रायल (Israel), यूएसए (USA) और यूएई (UAE) का एक नया समूह है।समूह के नाम में ‘I2’ का अर्थ भारत (India) और इज़रायल (Israel) है, जबकि ‘U2’ का अर्थ संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) एवं संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) है।यह एक बड़ी उपलब्धि है जो इस क्षेत्र में होने वाले भू-राजनीतिक परिवर्तनों को दर्शाती है।यह न केवल दुनिया भर में गठबंधन और साझेदारी की प्रणाली को पुनर्जीवित एवं फिर से सक्रिय करेगा, बल्कि उन साझेदारियों को भी जोड़ देगा जो पहले मौजूद नहीं थीं या पूरी तरह से उपयोग नहीं की गई थीं।

आई2यू2(I2U2) का महत्व (Importance of I2U2):-

सुरक्षा में सहयोग (Security Cooperation):

इससे देशों को इन नए समूहों के ढाँचे के भीतर चार देशों के बीच सुरक्षा सहयोग खोजने में सहयोग मिलेगी।

तकनीकी केंद्र पे जोर (emphasis on technical center) :

इनमें से प्रत्येक देश एक तकनीकी केंद्र है।

जैव प्रौद्योगिकी निश्चित रूप से इन देशों में से प्रत्येक में प्रमुख है।

खाद्य की सुरक्षा (food safety):

यह पहल खाद्य सुरक्षा पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है।

अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ कार्य(work together in different areas):

ये देश कई स्तरों पर सहयोग कर सकते हैं, चाहे वह तकनीक हो, व्यापार हो, जलवायु हो, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई हो या सुरक्षा।

भारत के लिये I2U2 का फायदे (Advantages of I2U2 for India): 

अब्राहम समझौते के फायदा (Benefits of the Abrahamic Agreement) :

भारत को संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अरब राज्यों के साथ अपने संबंधों को जोखिम में डाले बिना इज़रायल के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिये अब्राहम समझौते (Abraham Accords) का फायदा मिलेगा।

बाज़ार को लाभ (market advantage) :

भारत एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार है। यह उच्च तकनीक और अत्यधिक मांग वाले सामानों का भी एक बड़ा उत्पादक स्थान है। इस ग्रुपिंग से भारत को फायदा होगा।

गठबंधन होगा मददगार (alliance will help) :

यह भारत को राजनीतिक और  सामाजिक गठबंधन निर्मित करने  में मददगार साबित होगा।

भारत की क्या भूमिका होगी आई2यू2(I2U2) संगठन में (What will be the role of India in I2U2 organization):-

इस बारे में अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया की  ‘भारत बेहद बड़ा बाजार है। वह हाईटेक और सबसे ज्यादा मांग वाले उत्पादों का भी बड़ा उत्पादक है। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां ये देश मिलजुल कर काम करेंगे। फिर वह तकनीक, कारोबार, पर्यावरण, कोविड-19 और सुरक्षा ही क्यों न हो।’

नेड ने आगे कहते है कि इस समूह का उद्देश्य उन गठबंधनों और साझेदारों को फिर एक साथ लाना है, जिनका अस्तित्व पहले नहीं था या फिर था भी तो उसका भरपूर इस्तेमाल नहीं किया गया।

चीन क्यूँ डरा हुआ है (why is china scared):-

जब अक्टूबर 2021 में पहली बार भारत (India), इस्राइल (Israel), यूएस (USA) और यूएई (UAE) के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी, तब समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े अहम मुद्दों पर बातचीत हुई थी। उस वक्त इस बैठक का बड़ा मुद्दा इस्राइल (Israel) और यूएई (UAE) के बीच संबंधों को सामान्य बनाना भी था। भारत (India) में यूएई (UAE) के राजदूत ने उस वक्त इस नए गुट को ‘पश्चिमी एशिया का क्वॉड’ बताया था।

विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल कहते हैं, ‘इस समूह के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा के मसलों पर भी बातचीत होगी। साथ ही, भारत, इस्राइल, यूएई और अमेरिका काफी करीब आएंगे। इससे चीन घबराया हुआ है।’

इजराइल और यूरोप के बीच भारत एक माध्यम (India a medium between Israel and Europe):-

इस्राइल के पूर्व एनएसए ने कहा, भारत नए देशों में लाने वाले अब्राहम समझौते के दायरे को बढ़ाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, आई2यू2(I2U2)  दुनिया के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें इस्राइल(Israel) और यूएई (UAE) में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की उम्मीद है। उन्होंने कहा, भारत (India) की भूमिका यूरोप (Europe) और इस्राइल(Israel) के साथ एक सेतु की है और पूरे संदर्भ में भारत एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

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