G-20 की मेजबानी करेगा भारत (India to host G-20) पडोसी देशों ने जताया विरोध (Neighboring countries protest) 2022

 G-20 की मेजबानी करेगा भारत (India to host G-20) पडोसी देशों ने जताया विरोध (Neighboring countries protest) 2022
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G-20 की मेजबानी करेगा भारत (India to host G-20)

2023 में G-20 की मेजबानी भारत करने जा रहा है। ये सम्मलेन जम्मू कश्मीर में आयोजित किया जाएगा। ये हमारे देश के लिए बहुत हर्ष का विषय है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक करने हेतु जम्मू कश्मीर की प्रशासन ने पांच सदस्यों की एक कमिटी का निर्माण किया है। इस सम्मेलन की बस तयारी शुरू हुई है और पडोसी देश ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।

पडोसी देशों ने जताया विरोध

(Neighboring countries protest):-

भारत ने जबसे जी-20 का सम्मलेन करने के लिए जम्मू कश्मीर की भूमि को चुना है तबसे पकिस्तान और चीन जमकर विरोध कर रहे है।

पकिस्तान इस बैठक के पक्ष में नहीं

(Pakistan is not in favor of this meeting):-

जी-20 की अगली सभा की बैठक भारत में करवाने के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने विरोध जताया है। पकिस्तान ने बोला की कश्मीर में बैठक कराने के भारत के कोशिश को खारिज करता है। पकिस्तान को उम्मीद है की G-20 के सभी सदस्य देश में न्याय व्यवस्था बनाने हेतु इसका विरोध करेंगे।

चीन ने किया विरोध (China protested):-

चीन भारत के इस जी-20 सम्मेलन का जमकर विरोध कर रहा है। चीन बभी अब पकिस्तान का साथ देते हुए भारत के जी-20 का सम्मलेन कश्मीर में करने का कड़ा विरोध दर्शाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विरोध जताते हुए कहा क्काश्मिर पर चीन का रुख स्पष्ट है। ये भारत और पकिस्तान के बीच बहुत पहले से चला आ रहा मुद्दा है। इस मुद्दे का समाधान यूएन के प्रस्ताव के मुताबिक निकाला जाना चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान आगे कहते है की कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पकिस्तान को एकपक्षीय के साथ हालात को और जटिल बनाने से बचना चाहिए। इस विवाद का फैसला आपस में बातचीत करके लेना चाहिए। दोनों देशों को स्थिरता और शान्ति बनाये रखनी होगी। उन्होंने कहाँ की G-20 एक आर्थिक सहायता के लिए प्रमुख मंच इसे प्रासंगिक मुद्दे और राजनीति से दूर रखना चाहिए।

इस बात के उत्तर पे झाओ कहते है की अभी हम इस पर विचार करेंगे की बैठक में शामिल होंगे की नहीं। झाओ ने आगे बताया की कश्मीर के जिससे हिस्से में हमारी योजनाये चल रही है वो हिस्सा पकिस्तान के निरात्रण में आता है। इन परियोजनाओं में जो कंपनी काम कर रही है वो स्थानीय लोगों की अर्थव्यवस्था के विकास तथा उनकी भलाई के लिए काम कर रहे है। इस परियोजना से उनकी आजीविका में विकास होगा।

जी-20 क्या है…? (What is G-20…?)

G-20 बीस देशो का एक संगठन है। इसमें 20 देशों के वित्त मंत्री तथा सेन्ट्रल बैंक के गवर्नर शामिल होते है। G-20 के इस संगठन में 19 देश तथा यूरोपियन संगठन शामिल है। इस संगठन का प्रतिनिधत्व करने की जिम्मेदारी यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक को दिया गया है। जी-20 की बैठक हर वर्ष में एक बार होती है, और इस बैठक को हम G-20 का शिखर सम्मलेन कहते है।

G-20 का क्या मतलब होता है….?

(What does G-20 mean…..?)

G-20 एक समूह है जिसमें 20 देशों के वित्त मंत्री तथा उन देशों के सेंट्रल बैंक के गवर्नर शामिल होता है। जी-20 के अध्यक्ष प्रत्येक वर्ष अतिथि देशों को निमंत्रण भेजते है। जी-20 में स्पेन एक स्थाई सदस्य के रूप में हर वर्ष भाग लेता है। जी-20 में मुख्यतः वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाज़ार के बारें में विचार-विमर्श किया जाता है। ये देश सलाह मशवरा करके एक बात पे पहुच के वित्तीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था पे आवशयक निर्णय लिया जाता है। ये संगठन जरूरतमंद देशों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करते है। आतंकवाद, जल संकट, ग्लोबल वार्मिंग, स्वस्थ्य, जलवायु प्रदुषण जैसे मुद्दों पे भी चर्चा की जाती है।

ये संगठन विश्व के महत्वपूर्ण में से एक है। ये संगठन दुनिया के महत्वपूर्ण संगठन के साथ मिलजुल कर काम करता है। ये संगठन वित्तीय बाज़ार का 75 प्रतिशत तथा घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत, से भी अधिक तथा पूरी दुनिया की दो-तिहाई लोगों का प्रधिनित्व करता है। दुनिया भर के देशों के मत्वपूर्ण देशों के बीच अनौपचारिक वार्ता तथा परस्पर सहयोग को मजबूत करने में सहायता करता है।

G-20 की स्थापना कब हुई

(When was G-20 established…?):-

G-20 संगठन की शुरुवात विश्व की प्रमुख देशों के संगठन G-7 ने की। इसकी स्थापना अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में 25 सितम्बर 1999 को हुआ। एशिआई देशों में आया वित्तीय संकट के उपरान्त सेंट्रल बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्रियों ने इस बैठक का आयोजन किया।

G-20 का पहला शिखर सम्मेलन कहाँ हुआ था (Where was the first G-20 summit held?) :-

G-20 का पहला शिखर सम्मेलन का आयोजन 2008 में 14-15 सितम्बर महीने हुआ था। एशिया में आये वित्तीय संकट को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस सम्मेलन की शुरुवात की थी।

G-20 के सदस्य देशों की सूचि

 (List of G-20 member countries):-

  1. रूस (Russia)
  2. सऊदी अरब (Saudi Arabia)
  3. दक्षिण अफ्रीका (South Africa)
  4. कनाडा (Canada)
  5. चीन (China)
  6. फ्रांस (France)
  7. जर्मनी (Germany)
  8. भारत (India)
  9. इंडोनेशिया (Indonesia)
  10. इटली (Italy)
  11. जापान (Japan)
  12. कोरिया गणराज्य (Republic of Korea)
  13. मक्सिको (Mexico)
  14. अर्जेंटीना (Argentina)
  15. ऑस्ट्रेलिया (Austraila)
  16. ब्राज़ील (Brajil)
  17. तुर्की (Turkey)
  18. यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
  19. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America)
  20. यूरोपीय संघ (European Union)

ये सारे देश जी-20 के पूर्ण रूप से सदस्य है। हर साल कौन सा देश इस संगठन की अध्यक्षता करेगा ये एक प्रणाली के तहत तय होता है। G-20 का स्थायी रूप से कोई सचिवालय नहीं बनाया गया है।

G-20 शिखर सम्मलेन की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाती है, और इन अधिकारियों को शेरपा कहा जाता है। जी-20 के सभी देश एक दुसरे के सामने अपनी-अपनी समस्या रखते है और उस पर विचार विमर्श करते है और इन विषयों पर वार्ता करने हेतु सभी सदस्यों को राजी करने की जिम्मेदारी जी-20 के अध्यक्ष की होती है।

G-20 का मुख्यालय कहाँ है..?

(Where is the headquarter of G-20..?)  

G-20 संगठन का की स्थायी मुख्यालय नहीं है। इसका सम्मेलन हर वर्ष अलग-अलग देशों में किया जाता है। जो देश इसकी अध्यक्षता करता है वो बाकी देशों को आमंत्रित करता है इस सम्मेलन में शामिल होकर अपना मत और अपनी समस्या प्रस्तुत करने हेतु। ये सारे देश सम्मलित होकर समस्याओं पर विचार-विमर्श करते है और सबकी सहमति से कोई निर्णय पे पाहुचते है।

G-20 के सम्मलेन अब तक कहाँ-कहाँ हुए है (Where have the G-20 conferences been held so far?):-

  • वॉशिंगटन, यूएसए (Washington, USA )– 2008
    2) लंदन, यूके (London,UK)- 2009
    3) पिट्सबर्ग, यूएसए (Pittsburgh, USA) – 2009
    4) टोरंटो, कनाडा (Toronto, Canada) – 2010
    5) सियोल, दक्षिण कोरिया (Seoul, South Korea ) – 2010
    6) काँस, फ्रांस (Cannes, France )- 2011
    7) लॉस काबोस, मैक्सिको – (Los Cabos, Mexico)- 2012
    8) सेंट पीटरबर्ग , रशिया (Saint Petersburg, Russia) – 2013
    9) ब्रिसबेन, ऑस्ट्रेलिया (Brisbane, Australia) – 2014
    10) अंताल्या, तुर्की (Antalya, Turkey) – 2015
    11) हांगझोऊ , चीन (Hangzhou, China) – 2016
    12) हैमबर्ग, जर्मनी (Hamburg, Germany)-2014
    13) ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना (Buenos Aires) – 2018
    14) ओसाका, जापान (Osaka, Japan)- 2019
    15) रियाद, साऊदी अरब (Riyad, Saudi Arabia) – 2020
    16) रोम,इटली (Rome, Italy)  -2021
  • Indonesia -2022
  • जम्मू और कश्मीर (संभावित), भारत (Jammu&Kashmir Expected) -2023
  • Brazil – 2024

G-20 के कार्य (Function of G-20):-

G-20 के कार्य दो ट्रैक्स में विभाजित किया जाता है:-

  • फाइनेंस ट्रैक :- G20 समूह के केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्री के गवर्नर और उनके प्रतिनिधियों के साथ सभी बैठकों में राजकोषीय मुद्दे, वित्तीय विनियमन तथा मुद्रा पर केंद्रित होता है। समूह के केंद्रीय बैंक के गवर्नर तथा वित्त मंत्री और उनके प्रतिनिधियों के साथ सभी बैठकों में वित्तीय विनियमन, राजकोषीय मुद्दे एवं मुद्रा पर केंद्रित होता है।

 

  • शेरपा ट्रैक:- G-20 के कार्य का दूसरा भाग शेपर संभालते है। शेपर का मुख्या कार्य होता है राजनीतिक जुड़ाव बनाये रखना , भ्रष्टाचार का विरोध करना , विकास, ऊर्जा आदि जैसे व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।

G-20 में अध्यक्ष देश का चुनाव कैसे होता है..? (How is the president country elected in G-20..?):-

G-20 के सदस्य अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु एक तरीका अपनाते है :-

  • सबसे पहले जी-20 अपने 19 राष्ट्र को 5 समूहों में विभाजित कर देता है।
  • हर एक समूह में 4 से ज्यादा सदस्य नहीं रह सकते
  • अध्यक्ष पद इन 4 समूहों में हर वर्ष रोटेट होता रहता है।
  • हर साल G-20 का कोई समूह अध्यक्ष पद के लिये किसी अन्य समूह से किसी एक देश का चयन करता है।
  • भारत समूह 2 में है जिसमें रूस, दक्षिण अफ्रीका एवं तुर्की भी सम्मलित हैं।

ट्रोइका (Troika) क्या होता है (What is Troika):-

जब G-20 के द्वारा कोई देश अध्यक्ष पद हेतु चुन लिया जाता है तो वे जो पहले अध्यक्ष रह चुके देश के साथ और जो भविष्य में बनने वाले अध्यक्ष के साथ समन्वय स्थपित करता है। इस पूरी प्रक्रिया को हम ट्रोइका नाम से जानते है।

जी-20 के उद्देश्य क्या है

(What is the objective of the G20):-

  1. वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास हासिल करने के लिए अपने सदस्यों के बीच नीति समन्वय;
  2. वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना जिससे जोखिम कम हों और भविष्य के वित्तीय संकट समाप्तं हों, और
  3. एक नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना बनाना।

G-20 की उपलब्धियाँ (G-20 Achievements):-

  • तीव्र निर्णयन:G20 समूह अपने सदस्यों के सहयोग से नई चुनौतियों से निपटने के लिये जल्द से जल्द निर्णय लेता है।
  • समावेशी:आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं सिविल सोसाइटी के मध्य समन्वयकारी समावेशन।
  • समन्वित कार्रवाई:जी-20 समूह ने देशों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने का काम किया तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय विनियामक प्रणाली को मज़बूत बनाने के काम में अहम भूमिका निभाई है।
  • जब निजी क्षेत्र के वित्तीय स्रोत कम हो गए थे तब बहुपक्षीय विकास बैंक से एक बार में 235 बिलियन यूएस डॉलर ऋण देने की सुविधा में बढ़ोतरी की गई।
  • वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान तत्कालीन वित्तीय ज़रूरतों को जल्द से जल्द पूरा करना G20 समूह की एक बड़ी उपलब्धि है।
  • यह राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के कार्य निष्पादन में सुधार करके अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सस्थाओं में सुधार करने का भी कार्य करता है। जैसे G20 समूह नेकर पारदर्शिता के मानकों एवं G20/OECD आधार क्षरण एवं लाभ हस्तांतरण (BEPS) के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय कर प्रणाली में सुधार किया है।
  • G20 समूह ने व्यापार सुविधा समझौते के अनुसमर्थन में (Ratification of the Trade Facilitation Agreement) एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। WTO ने यह अनुमान लगाया गया है कि यदि समझौते को पूर्णतः लागू किया जाता है तो यह वर्ष 2030 तक वैश्विक GDP में 4% से 8.7% के बीच योगदान कर सकता है।
  • बेहतर संचार :G20 समूह चर्चा के माध्यम से निर्णय लेता है और इसके लिये उच्च विकसित एवं विकासशील देशों के सहयता वैश्विक मंच पर चर्चा की जाती है।

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