अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022

नारी तुम प्रेम हो आस्था हो विश्वास,
हो टूटी हुई उम्मीद का एक मात्रा,
अहसास हो, हर जान का तुम ही आधार,
हो नफरत की दुनिया में मैं तुम ही प्यार हो,
उठो अपने अस्तित्व को संभालो केवलएक ही नहीं हर दिन के लिए तुम खास हो।
तुम चाहती रहो तुम महकती रहो
तुम प्रेरणा बनकर चमकती रहो
कहीं बेटी बनकर कहीं बहन बनकर कभी प्रेमिका, कभी पत्नी बनकर,
खुशियों की बारिश करती रहो,
जीवन के इस लम्हे लंबे सफर मे,
मां बन कर मार्गदर्शन भी तुम ही करो हो ।
छू ले आसमान जमीन की तलाश,
ना कर जिंदगी में खुशी की तलाश,
ना कर तकदीर बदल जाएगी खुद ही महिलओ की,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर।
ना पूछ कि मेरी मंजिल कहां है,
अभी तो सफर का इरादा किया है,
ना हारु कभी हौसला चाहे कुछ भी हो,
जाए यह मैंने किसी और से नहीं खुद से वादा किया हैं।
मुस्कुरा कर दर्द भुला रिश्तो में बंदी थी’
नारी दुनिया सारी हर पल को रोशन करने,
वाली वह शक्ति है नारी
समाज के डर से अपने अरमान को दवाई रखती है,
नारी अपनी इच्छाओं को छोड़ सब की इच्छाओं का ख्याल रखती है नारी।