जापान ने क्यों अपनाया ट्रोलिंग को लेकर के कानून | क्या है इस ट्रोलिंग कानून के पीछे की सच्चाई | Japan Trolling Law | What is the truth behind this trolling law | 2022

Japan Trolling Law What is the truth behind this trolling law 2022
जापान ट्रोलिंग कानून (Japan Trolling Law)
आज सोशल मीडिया पे एक ट्रेंड चल रहा है ट्रोलिंग (Trolling) का। आज के युवा जहाँ भी कुछ होता देखते है उसका फोटो लेकर या फिर विडियो बना कर सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, वॉट्स्ऐप इंस्टाग्राम, जैसे और भी साइट्स पे अपने दोस्तों के साथ सहरे करते रहते है।
ट्रोलिंग (Trolling) के चलते कुछ युवा वर्ग अच्छे भी काम करते है जैसे कोरोना के समय “vocal for local” के चलते कई ऐसे ठेले वाला अथवा कई ऐसा जरूरतमंद थे जो इन्टरनेट के जरिये मदद की आवाज़ लगाईं और बहुत लोगों तक मदद पहुची भी।
पर कहते है न किसी चीज़ का अच्छा उपयोग हो तो वो समाज का भला करने का काम करता है परन्तु हमारे यहाँ ही नहीं दुनिया भर में कई ऐसे लोग है जो इसका गलत फायदा उठाते है। आज कल सोशल मीडिया के चलते किसी का अपमान करना किसी को धमकी देना किसी को जान से मारना किसी को भी बिना सोचे समझे अपशब्द करना ये बहुत ज्यादा आम बात हो गयी है।
कई ऐसे सामाजिक तत्व है जो हमारे देश के “Freedom to Speech” अभिव्यक्ति की आजादी जैसे कानून का मज़ाक बना कर रख दी है। आज तक हमारे देश में इसको लेकर तो कोई क़ानून नहीं बना। पर जापान इन सब बातों से तंग आकर इसके लिए कानून बनाया है।
जापान ने अब एक ऐसा कानून अपने ससंद भवन में पारित किया है की जिसके तहत कोई भी नागरिक सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, वॉट्स्ऐप या किसी भी अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स पे किसी को ट्रॉल्लिंग (Trolling) करेगा या किसी भी प्रकार से उसकी भावनाओं को ठेस पहुचायेगा उसके खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी। इस कानून के चलते उस व्यक्ति को जिसने ट्रोलिंग (Trolling) एक लाख 71 हज़ार रूपए का जुर्माना और एक साल की जेल की सजा दी जाएगी।
जापान में ट्रोलिंग कानून लेन की वजह क्या रही (What was the reason for the Trolling law lane in Japan):-
जापान के देश में पिछले कुछ सालों से ट्रोलिंग (Trolling) की घटनाएं बढ़ गयी थी। कई लोग सोशल मीडिया पे अपमान के वजह से खुद को नुकसान पहुचाया। ऐसे ही एक घटना सामने आई जो सबको डरा दिया एक टीवी स्टार ने 2020 में ट्रोलिंग (Trolling) के चलते आत्मदाह कर ली। इन टीवी स्टार का नाम हाना किमुरा था।
हाना किमुरा ने आत्महत्या करने से पहले सोशल मीडिया पे अपने कुछ मैसेज साझा किया था। जिसमें ये पता चला की उन्हें उनके निजी जीवन को लेकर आपातिजनक बातों के साथ साथ उनको बदनाम करने की लोगों के बीच उनका अपमान करने की ढेरो धमकियां मिली थी। ये सब बातें उन्हें अंदर से बहुत आहात कर गयी और वो इन सब बहुत जयादा डर गयी और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
इस घटना के चलते जापान की पुलिस ने तीन लोगो को गिरफ्तार कर लिया। इसी के बाद जापान की जनता सरकार से इसपे सख्त कानून बनाने की मांग करने लगी थी। सरकार ने उनकी मांग पुरे 2 वर्षों के बाद मान ली।
जापान ने क्यों अपनाया ट्रोलिंग को लेकर के कानून | क्या है इस ट्रोलिंग कानून के पीछे की सच्चाई | Japan Trolling Law | What is the truth behind this trolling law | 2022
कानून की कुछ चुनौतियां (Some Challenges of The Law):-
सोशल मीडिया पर क्राइम करना तो आसान है पर दोषियों को पकड़ना बहुत मुश्किल है। कानून तो बन जायेगा पर इसको पुरे देश में सुचारू रूप से लागू करना और सही दोषियों को पकड़ कर सजा देना एक चुनौती भरा काम है। इस कानून के पास पहली चुनौती तो ये है की जब भी ट्रोलर ट्रोलिंग (Trolling) करता या आपतिजनक बात सोशल मीडिया पे लिखता है तो अधिकतर लोग अपना वेरिफाइड अकाउंट का प्रयोग नहीं करते। वो इसके जगह फेक एकाउंट्स का उपयोग करते है।
तो पुलिस के पास ये सबसे बड़ी चुनौती होगी की आखिर पुलिस सही ट्रोलर्स तक पहुचेगी कैसे…? दूसरा डर ये भी जपान की जनता और विरोधी दल के बीच में है की कहीं सरकार इस क़ानून का दुरूपयोग कर अपने विरोधी दल के खिलाफ न कर दें। तीसरा दर ये है की ये फैसला कौन करेगा की कौन सी टिप्पड़ी अपमानजनक है कौन सा नहीं। मतलब की अभिव्यक्ति की आजादी और अपमान के बीच का अंतर सरकार और पुलिस कैसे तय करेगी…? ऐसे और भी प्रश्न जिनका सपष्टीकरण जापान की जनता तथा विरोधी दल सरकार से मांग रहे है।
दुनिया में बढ़ता साइबर क्राइम (Increasing cyber crime in the world) :-
जापान में ऐसे ट्रोलर्स पे लगाम कसने के लिए जो कानून बानाया उसका बहुत बड़ा वजह थी लोगों का साइबर क्राइम के ऊपर हर दिन केस का बढ़ना। एक शोध में ये ज्ञात हुआ है पूरी दुनिया में 37 प्रतिशत लोग जो सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर का इस्तेमाल करते है उन्हें ऑनलाइन धमकियां मिल चुकी है और उन्हें कई बार अलग अलग तरीके से सोशल मीडिया के जरिये अपमान का सामना करना पड़ा है।
उन्हें सोशल मीडिया में कई एकाउंट्स के जरिये धमकियाँ भी मिल चुकी है। इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्क के युजेर्स की जितनी संख्या है उसकी 43 प्रतिशत ऐसे युजेर्स है जो साइबर क्राइम पर अपने अपमान की शिकायत दर्ज करा चुके है।
टेक्नोलॉजी कंपनियों का साथ जरुरी (Technology companies needed) :-
जापान में ये कानून बना के एक अच्छी पहल अथवा अच्छा सन्देश पुरे दुनिया को दिया है। आज के युग इस कानून की अहमियत बहुत बड़ी है। पर इस कानून को पूरी तरह लागू अथवा सुचारू रूप से काम करें तो इसमें कई टेक्नोलॉजी कंपनियों और सोशल मीडिया के कंपनियों का सहयोग मिलना बहुत आवश्यक है, ताकि जिससे फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी जो सरकार को मुहैया कराये,
और अपराधियों तक पहुचने में सरकार और पुलिस की सहायता करें। बिना इन कंपनियों के सहायता लिए दोषियों को पकड़ना बहुत मुश्किल है। इन कंपनियों के साथ मिलकर सरकार को ऐसा सिस्टम बनाने की आवशयकता है जो उन् अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में उपयोगी साबित हो।
विपक्ष ने इस कानून का किया विरोध (The Opposition Opposed This Law):-
दुनिया में कहीं भी जाइए वहां आपको हर तरीके के लोग मिलेंगे, अगर सरकार कुछ अच्छा करेगी अपने जनता, अपने लोगो की भलाई के लिए काम करेगी तो कोई न कोई ऐसा दल होगा जो उसके विरोध में आवाज उठाएगा और ऐसे ही दल को कहा जाता है विपक्षी दल।
जापान में भी विपक्षी दल ने इस कानून का जमकर विरोध किया है, विपक्षी दल का कहना है की इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला किया गया है। इससे विपक्षियों को ये डर सता रहा है की सरकार इस क़ानून का दुरूपयोग कर उनके खिलाफ न कर दें।
Japan Trolling Law | What is Japan Trolling Law | क्या है जापान ट्रोलिंग लॉ |
गर्मियों के बाद लागू होगा कानून (Law will come into force after summer):-
जापान की सरकार इस कानून को ससंद में पारित कर चुकी है। इस कानून को लागू गर्मियों के बाद किया जा सकता है। इस क़ानून के तहत जो भी ट्रोलर्स होंगे या जो भी व्यक्ति होंगे जो सोशल मीडिया पर लोगों का अपमान करेंगे उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। आपको बता दें की इस कानून के तहत अपराधियों को जेल तथा बहुत बड़ा जुरमाना देना होगा। इस कानून लागु होने से ऐसा कोई भी अपराध सामने आएगा और दोषियों को पकड़ने पर उसको एक साल जेल की सज होगी या फिर उस पर तीन लाख येन यानी भारतीय मुद्रा के मुताबिक़ पौने दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया जायेगा।
क़ानून अभी 3 वर्ष के लिए होगा लागू (The law will be applicable for 3 years now):-
विरोधियों के तर्कों को ध्यान रखते हुए जापान की सरकार ने ये फैसला लिया है की ये कानून अभी सिर्फ 3 वर्षों के लिए लागु होगा। इसके बाद इसकी जांच की जाएगी की अभिव्यक्ति की आजादी प्रभावित हुई है या नहीं।
भारत में बढ़ते ट्रोलिंग के मामले (Cases of Trolling rising in India):-
हमारा देश भी इस ट्रॉल्लिंग के मायाजाल से अछूता नहीं है। हमारे देश में भी कई लोग है जो सम्मानित व्यक्तिओयों को सोशल मीडिया पे अभद्र टिप्पड़ियों और उन्हें ट्रोलिंग (Trolling) करके उनका अपमान करते रहते है ऐसे ही मामले है :-
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी हुए ट्रोलिंग के शिकार (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath also became a victim of Trolling):-
पुलिस सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पड़ी (Trolling) करने वाले को गिरफ्तार किया था। उस शख्स का नाम अकरम अली उर्फ़ है। इसके खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं के साथ केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया की अकरम गुलबहार खजनी थाना क्षेत्र के सरया तिवारी टोला के तेतरिया गांव का रहने वाला है और भवनों के रंगाई पुताई का काम करता है।
पुलिस ने बताया की अकरम ने मुख्यमंत्री योगी अदीत्यनाथ के खिलाफ व्हात्सप्प पर स्टेटस लगाया और ये स्टेटस कुछ ही समय बाद काफी तेज़ी से सोशल मीडिया पे वायरल हो गया। अकरम ने ये स्टेटस रविवार को रात के 11 बजे लगया था। पुलिस ने बताया की इस मामला का ज्ञात होते आरोपी को सोमवार गिरफ्तार कर लिया गया। ये मामला कुछ दिन पहले 13 जून 2022 का है।
पुलिस ने बताया की आरोपियों पर धारा 504,505,469,295 और 67 आईटी के तहत मामला दर्ज है। आइये अब आपको बता देते है इन धरो में क्या है।
धारा 504:- शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान।
धारा 505:- अफवाह को बढ़ाना।
धारा 469:- किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जालसाजी करना।
धारा 295:- किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करना।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी हो चुके है ट्रोलिंग के शिकार (Prime Minister Narendra Modi has become a victim of Trolling):-
जी हाँ हमारे देश के कुछ युवा वर्ग ने प्रधानमन्त्री को भी नहीं छोड़ा उन्हें भी सोशल मीडिया पर ट्रोल कर दिया और उन्हें भी ट्रोलिंग (Trolling) का शिकार होना पड़ा । पुलिस अधीक्षक बताते है की हुसैन नाम का युवक फेसबुक पर प्रधानमंती नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के खिलाफ टिप्पड़ी की थी तब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बंटी, प्रवीण कुमार और योगेन्द्र ने इस बात की शिकयत पुलिस में दर्ज करवाई थी।
हुसैन पर धारा 153ए और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया। धारा 153ए का मतलब होता है लोगों के बीच दुर्भावना को बढ़ावा देना धारा 67 का मतलब होता है आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना।
भारत को भी ऐसे कानून की जरुरत है….? (India also needs such a law…?)
जवाब है हां क्यूंकि कुछ धाराओं से इसे नाह रोका जा सकता है। ये सब जो होता है वो बड़े बड़े नेता तोह शिकायत दर्ज करवा के दोषियों को तोह सजा करवा देते है पर पता नहीं आम नागरिक कुछ कर ही नहीं पाते और न जाने कितने ही ट्रॉल्स और अभद्र टिप्पड़ियों (Trolling) के कारण डिप्रेशन में चले जाते है या तो आत्मदाह कर लेते है। भारत की सरकार को भी इस बारें में गंभीर विचार करते हुए एक कानून बनाना चाहिए ताकि जो सोशल मीडिया पर अनेतिक गितिविधयां करते है उन पर लगाम लगाईं जा सके।
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