आइये जाने 2022 में Marketing क्या होता है?

मार्केटिंग (Marketing ) के अंदर वे सभी प्रक्रिया शामिल रहती हैं जो उत्पादन केंद्र से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक पहुंची है जैसे की एक नहाने का साबुन पहले तैयार किया जाता है उसके बाद उसका मूल्य निर्धारित किया जाता है उसके बाद वह साबुन कहां बिकेगा यह तय किया जाता है और फिर उसे बेचने के लिए आवश्यक नियम का इस्तेमाल किया जाता है।
मार्केटिंग नाम से छोटा है पर मार्केटिंग को समझे तो मार्केटिंग का क्षेत्र और मतलब बहुत ही व्यापक हो जाता है पर मार्केटिंग को समझना बहुत आसान है क्योंकि इसका क्षेत्र बहुत व्यापक होता है और इस आर्टिकल में हम मार्केटिंग के उन सभी पहलुओं को समझेंगे जो मार्केटिंग के अंदर आता है।
Marketing क्या होता है ? ऐसे माध्यम जिसके द्वारा आप अपनी उत्पादन और अपनी सेवा को लोगों तक पहुंचा सकते हैं और उनके बारे में सारी जानकारियां उन्हें दे सकते हैं इतना ही नहीं मार्केटिंग के द्वारा आप लोगों के बीच में अपनी एक अलग पहचान भी बना सकते हैं
जब बात मार्केटिंग की होती है, तो बहुत सारे तरीके मार्केटिंग करने के सामने आते है, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप Marketing का सही तरीका चुने और सिर्फ उसी तरीके पर अपनी बजट और प्रोडक्ट की शुरुआत करें ,तो चलिये आपको बताते हैं मार्केटिंग करने का सही तरीका जिसके द्वारा आप लोगों के बीच में अपनी एकअलग पहचान बना सकते हैं।
क्या आप जानते हैं मार्केटिंग के बारे में, अगर नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं हम आपको सिखाते है की मार्केटिंग क्या होती है और वह कितने प्रकार के होते हैं और वह कौन से तरीके है जिसकी सहयता से मार्केटिंग करने में और भी आसानी होती है।
मार्केटिंग का अर्थ, संभावित ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए वस्तुओं और सेवाओं को उन तक पहुँचाना तथा उनकी जरूरतों को पूरा करना और उन्हें सन्तुष्टि प्रदान करना ही मार्केटिंग कहलाता हैं। फिर उसे उस प्रोडक्ट की उपयोगिता बतानी होती है और कस्टमर को समझाना होता है की उसे इस प्रोडक्ट की भविष्य में क्या जरुरत होगी। इस तरीके से हे मार्केटिंग की जाती है।
मार्केटिंग की परिभाषा (Definition of marketing)
आम शब्दों में तो मार्केटिंग के बारे में आप लोगों ने बहुत सुना होगा आइए हम जानते हैं कुछ विद्वानों का क्या कहना है मार्केटिंग को लेकर।
- व्हील के अनुसार :- मार्केटिंग वह प्रक्रिया है जिसके तहत वस्तुओं और सेवाओं को उत्पादन से उपभोक्ता तक पहुंचाया जाता है इसी को मार्केटिंग कहते हैं।
- हैसन के अनुसार :- संभावित ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए वस्तुओं और सेवाओं को उन तक पहुँचाना तथा उनकी जरूरतों को पूरा करना और उन्हें सन्तुष्टि प्रदान करना ही मार्केटिंग कहलाता हैं।
मार्केटिंग के मूल्य तत्व (Element of marketing)
मार्केटिंग चार तत्वों से मिलकर बना होता है जिसमें मार्केटिंग शब्द को पारिभाषित किया जा सकता है और यह चार तत्व आपको मार्केटिंग की बारीकियों को समझाते हैं तो आइए जाने की यह चार तत्व क्या होते हैं ?
- उत्पाद (Product)
- मूल्य( Price)
- स्थान (Place)
- प्रचार (Promotion)
अब आप मार्केटिंग के उन चार तत्वों को जान लिए हैं जो मार्केटिंग करने में और भी आसान बना देता है तो आइए जाने इसे तत्व को और भी गहराई से,
उत्पाद (Product)
मार्केटिंग का सबसे पहला चरण होता है ग्राहकों की पहचान करके उसके लिए एक उत्पाद (Product) बनाना और एक ऐसा उत्पाद (Product) बनाना जो आपके ग्राहकों की जरूरतों को पूरी कर सके तथा जरूरत के साथ-साथ उसे वह उत्पाद (Product) पसंद भी आए और उनके इच्छाओं की पूर्ति कर सकें।
मूल्य (Price)
जब एक प्रोडक्ट (Product) तैयार होता है तो जाहिर सी बात है कि उसका एक मुल्य( Price) भी होगा। और यही कदम होता है, मूल्य ( Price) निर्धारण का जो यह तय करता है कि आपका प्रोडक्ट ग्राहक क्यों ख़रीदे। अब यहां पर आपको अपने प्रतिदंद्वी को पीछे भी छोड़ना है अब कैसे पीछे छोड़े यह भी आपका मुल्य निर्धारित करता है।
स्थान (Place)
आपका प्रोडक्ट तैयार हो गया, उसका मुल्य निर्धारण भी हो गया अब बारी आती है स्थान चयन की, कि आपका प्रोडक्ट बिकेगा कहाँ और इसे खरीदेगा कौन इसके लिए आपको स्थान सोचना पड़ेगा और कुछ रणनीतियां बनानी पड़ेंगी।
प्रचार(promotion)
अब चौथा और अंतिम चरण आता है प्रचार का हम लोगों ने यह तो डिसाइड कर लिया कि उस प्रोडक्ट का कहां और कब बाजारीकरण करना है, लेकिन जब तक लोगों को यह नहीं पता चलेगा कि मार्केट में कोई वस्तु नयी आई है तो ग्राहक कैसे बनेंगे और उस प्रोडक्ट का मार्केट कैसे होगा।
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मार्केटिंग का महत्व क्या होता है?
जीवन जीने के लिए भोजन जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी किसी भी व्यापार के लिए मार्केटिंग है क्योंकि मार्केटिंग के अंदर वह सारी विधियां शामिल होती है जो किसी भी व्यापार को चलाने में और उससे लाभ कमाने में सहायता प्रदान करती है जैसे ग्राहकों की पहचान , उत्पादन का चयन मूल्य निर्धारण करना, परिवहन भंडार और विज्ञापन तथा बिक्री।
- किसी मार्केट के नियम उपभोक्ता को उत्पादन के बहुत ही करीब लाते हैं ।
- किसी मार्केटिंग नियम से उत्पादन की लागत में कमी लाया जा सकता है।
- बेहतरीन मार्केटिंग में नियम से उत्पादन और बिक्री बढ़ाने की संभावना हमेशा रहती है।
- बेहतरीन मार्केट के नियम से व्यापार द्वारा अधिक लाभ कमाया जा सकता है।
- किसी भी मार्केटिंग में नियम से चले तो व्यापारियों को शिखर पर ले जा सकते हैं।
उपभोक्ता के लिए मार्केटिंग का महत्व क्या होता है?
किसी भी मार्केटिंग में उपभोक्ता प्रधान होता है क्योंकि मार्केटिंग का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता के आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है क्योंकि उपभोक्ता राजा है और उससे ही ध्यान में रख के मार्केटिंग की सारी गतिविधियों को किया जाता है।
उपभोक्ता कि जरूरत के हिसाब से ही हम प्रोडक्ट बनाते हैं और उस प्रोडक्ट को मार्केट में ले आते हैं जिससे उपभोक्ताओं की जरूरत की पूर्ति हो सके और हमारा मार्केटिंग लेबल हमेशा बढ़ता रहे , तथा मार्केटिंग की मदद से ही उपभोक्ता की इच्छाओं की पूर्ति की जाती है और उपभोक्ताओं के समस्या का समाधान भी किया जाता है।
समाज के लिए मार्केटिंग क्यों आवश्यक है?
Marketing का समाज से बहुत गहरा नाता होता है इसकी सारी गतिविधियों का नाता समाज के अंदर ही होता है यही नहीं बल्कि हम यह भी कह सकते हैं कि Marketing समाज और व्यापार के बीच में बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी होती है और कोई भी व्यापार अपनी प्रोडक्ट को समाज में ही लाता है और प्रचार प्रसार कर के अपने प्रोडक्ट को समाज के अंदर ही बेहतरीन ऊंचाइयों को छूता है।
Marketing समाज को बेहतर जीवन प्रदान करता है क्योंकि समाज की जरूरतों को मार्केट के थ्रू ही पूरा किया जाता है मार्केट समाज के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है तथा समाज के मांगों की पूर्ति भी मार्केट के द्वारा होती है एक प्रकार से मार्केट समाज में जागरूकता को भी लाता है मार्केट के द्वारा ही समाज के उत्तरदायित्व की भावना का विकास किया जाता है।
अर्थव्यवस्था के लिए मार्केटिंग क्यों महत्वपूर्ण होता है?
अगर हम Marketing की बात करते हैं तो मार्केटिंग किसी भी देश के अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। किसी भी देश की Marketing रणनीति उसको बहुत आगे भी ले जा सकती है और बहुत ही ज्यादा पीछे भी लेकर आ सकती है Marketing के अंतर्गत विदेशी व्यापारी भी आते हैं इसलिए निर्यात पर लगाया गया टैक्स देश और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करता है Marketing के द्वारा ही किसानों से फसल खरीद कर बाजार तक पहुंचाया जाता है।
Marketing किसी भी देश के सरकार की रीढ़ की हड्डी होती है क्योंकि जो उत्पादन किया जाता है उसका कुछ हिस्सा सरकार को टैक्स के रूप में दिया जाता है मार्केटिंग के द्वारा ही उत्पादन की प्रक्रिया में सुधार करके देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत किया जाता है तथा मार्केटिंग के द्वारा ही देश के एक कोने से दूसरे कोने तक वस्तुओं और सेवाओं का आदान प्रदान किया जाता है।
मार्केटिंग एक गतिशील प्रक्रिया होती है ?
मानव जाति की उत्पत्ति के साथ ही वस्तु और सेवा का आदान-प्रदान शुरू हो गया था जिसे विनिमय कहा जाता है बदलते जमाने के साथ विनिमय ने विपणन marketing का रूप ले लिया तथा मार्केटिंग एक गतिशील प्रक्रिया होती है और यह हमेशा चलती रहती है इस के समयानुसार बहुत सारे परिवर्तन भी हमेशा होते रहते हैं।
Marketing उपभोक्ता का प्रधान क्षेत्र होता है इसलिए जब – जब उपभोक्ता की इच्छा बदलती है तो उनकी इच्छा अनुसार ही मार्केट की गतिशीलता भी बदलती रहती है ताकि उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से संतुष्ट किया जा सके और बेहतर से बेहतर तरीके से मार्केट को भी उचाईयों पर ले जा सकें तथा मार्केट निरंतर चलने वाली एक गतिशील प्रक्रिया होती है।