भारत के सभी राष्ट्रपतियों के नाम व सूचि (Name and list of all President of India) 2022

भारत के अब तक के सभी राष्ट्पतियों के नाम व सूची (Name and list of all Presidents of India) (1947–2022)
- डॉ राजेंद्र प्रसाद (26 जनवरी 1950–13 मई 1962)
- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (13 मई 1962 – 13 मई 1967)
- डॉ जाकिर हूसेन (13 मई 1967 – 3 मई 1969)
- वि. वी. गिरी (24 अगस्त 1969 – 24 अगस्त 1974)
- फखरूधीन अली अहमद ( 24 अगस्त 1974 – 11 फरवरी 1977)
- नीलम संजीव रेड्डी (25 जुलाई 1977 — 25 जुलाई 1982)
- ज्ञानी जैल सिह (25 जुलाई — 25 जुलाई 1987)
- आर. वेंकटरमण ( 25 जुलाई 1987 — 25 जुलाई
- डॉ शंकर दयाल शर्मा ( 25 जुलाई 1992 __ 25 जुलाई 1997)
- के. आर. नारायणन ( 25 जुलाई 1997 — 25 जुलाई 2002)
- डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ( 25 जुलाई 2002 — 25 जुलाई 2007 )
- श्रीमती प्रतीभा सिह पाटिल ( 25 जुलाई 2007 __ 25 जुलाई 2012)
- प्रणव मुखर्जी ( 25 जुलाई __ 25 जुलाई 2007)
- राम नाथ कोविंद ( 25 जुलाई 2017 — अब तक)
1.डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद (3 दिसबर 1884 __28 फरवरी 1963)
डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्टपति (First President) थे डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के जिरादेई नामक गांव मे हुआ था।
उनका प्रारंभिक जीवन
उनके पिता का नाम महादेव सहाय था। उनके पिता फारसी और सस्कृत भाषा के विद्वान थे। उनकी माता का नाम कमलेषरी देवी था। राजेंद्र प्रसाद का विवाह लगभग 13 साल की आयु मे राजवंशी देवी से हो गया। वे अपने भाई बहन मे सबसे छोटे थे। वे अपने अपने माता पिता और भाई बहन से काफी प्रेम करते थे।
भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन है (who is the first President of india)
भारत के प्रथम राष्ट्रपति का नाम (Name of the first President of India)
राजेंद्र प्रसाद की शिक्षा
पाँच साल की उम्र मे उन्होंने फारसी की शिक्षा लेना शुरू किया। उसके बाद वो प्रारभिक शिक्षा की शुरूवात छपरा के स्कूल से लिया। उसके बाद उन्होंने पटना के टी० के० घोष एकडमी से पढाई किया। उसके बाद वे अपने जिला स्कूल छपरा चले गए वही से उन्होंने कोलकता विश्वविधालय की प्रवेष परीक्षा दी जिसमे उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया।
फिर उन्होंने सन् 1902 मे उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडंसि कॉलेज मे दाखिला लिया। 1915 मे उन्होंने एलएलएम की परीक्षा की जिसमे उनको स्वर्ण पद मिला उन्होंने अपनी कानूनी पढाई भागलपुर बिहार से किया। उन्होंने कानूनी पढाई की उपाधि भी हासिल कर ली राजेंद्र प्रसाद महात्मा गाँधी से काफी प्रभावित थे।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कब से कब तक प्रधानमंत्री बने रहे?
भारत के स्वतंत्र होने के बाद जब सविधान लागू हुआ तो उन्होंने 26 जनवरी 1950 को देश के पहले राष्ट्पति (President) का पद सभाल उन्होंने एक अच्छे राष्ट्पति (President) का फर्ज निभाया उन्होंने 12 साल तक राष्ट्पति के रूप मे कार्य किया फिर उन्होंने 1962 मे अपने पद से अवकाश ले लिया। अवकाश लेने के बाद 1962 मे उनको भारत सरकार ने उन्हे भारत रत्न उपाधि से नवाजा गया।
डॉ राजेंद्र प्रसाद का आखरी समय?
वे अपने आखरी समय मे अपने जीवन को बिताने के लिए पटना मे सदाकत आश्रम मे अपना समय यापन किया।
28 फरवरी 1963 मे उनकी मृत्यु हो गयी।
2 . डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( 5 सितम्बर 1988__ 17 अप्रैल 1975 )
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्पति (Second President) थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव मे हुआ था।
उनका प्रारभिक जीवन
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के पिता जी का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी था वे एक ब्रह्मण थे और राजस्व विभाग मे कार्य करते थे। इनकी माता का नाम सिताम्मा था। इनके परिवार की पूरी जिमेदारी इनके पिता पर थी।
इनका पाँच भाई और बहन मे दूसरा स्थान पे है वे जब 16 वर्ष के थे तब सन् 1903 में इनका विवाह अपनी दूर की बहन सिवाकामु से हुआ था। उनकी पत्नी की उम्र उस वक्त महज 10 वर्ष की थी वर्ष 1908 मे इन्होंने एक पुत्री को जन्म दिया। राधाकृष्णन जी की पत्नी की मौत 1956 मे हो गयी है।
भारत के सभी राष्ट्रपतियों के नाम ( Names of all Presidents of India)
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन इनकी प्रारभिक शिक्षा क्रिश्रियन मिशनरी सस्था लुथर्न मिशन स्कूल तिरूपति मे हुई इसके बाद आगे की पढाई के लिए वर्ष 1900 ने वेल्लूर चले गए जहा उन्होंने आगे की पढाई की वर्ष 1902 मे इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की इस दोरान इन्हे मनोविज्ञान इतिहास मे विशेष योगता प्राप्त हुई थे।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर
जब सर्वपल्ली जी अमेरिका से भारत वापस से लौट तो जवाहर लाल नेरूर ने उनसे आगहृ किया की वो राजनतिक कार्य को करे फिर उन्होंने ने वर्ष 1947 से 1949 तक सविधान सभा के सदस्य के रुप मे कार्य किया जिसके बाद 13 मई 1952 से 13 मई 1962 तक वे देश के उपराष्ट्पति रहे फिर 13 मई 1962 को वे भारत के राष्ट्पति (President) बने।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन मृत्यु
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन 17 अप्रैल 1975 को गभीर बीमारी से हो गया है। वे एक सच्चे नागरिक थे और उनका बहुत योगदान है।
डॉ जाकिर हुसैन का भारत के 3 राष्टपति (Third President) थे। उनका जन्म 8 फरवरी 1897 को
आध्रप्रदेश मे हुआ था। इनकी माता का नाम नाजनिन बेगम था। इनकी मां की मृत्यु 1911 मे हो गयी थोड़े दिन ही बाद इनके पिता की मृत्यु हो गयी। माता पिता के कुल सात संताने थी जिनमे ये दूसरे स्थान पर थे।
जाकिर हुसैन की शिक्षा
इनकी प्रारभिक शिक्षा इस्लामिया हाई स्कूल से किया फिर उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कानूनी की पढाई की फिर वे एम.ए करने के बाद जर्मनी चले गए और वहा से विश्वविद्यालय से 1926 मे अर्थशास्त्र मे पी. एच. डी की डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक जीवन
डॉ जाकिर हुसैन को वर्ष 1948 मे राज्यसभा का सदस्य बनाया गया । वे 1926 से 1948 तक इसके कुलपति रहे 1956 मे वे राज्यसभा अधस्य और भारतीय ससद भी बन गए उन्होंने इस पद पर 1962 तक कार्य किया। 1957 मे उन्हे बिहार के राज्यपाल नियुक्त किया गया फिर वर्ष 1962 मे वे देश के दूसरे उपराष्ट्पति बन गए उसके बाद 13 मई 1967 को वे भारत के तीसरे राष्टपति (President) बन गए। वे भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्पति थे।
जाकिर हुसैन की मृत्यु
जाकिर हुसैन वे राष्ट्पति के पद मे कार्य कर रहे थे। तब ही वे 3 मई 1969 को उनका देहात हो गया है। उनकी काया को जामिया मिलिया इस्लामिया के परिसर मे ही दफनाया गया था। निधन होने के कारण वे अपना राष्ट्पति कार्यकाल पूरा नही कर सके।
4.डॉ वि. वी. गिरी ( 10 अगस्त 1894 __ 23 जून 1980)
वी वी गिरी का पुरा नाम वाराहगिरी वेंकट गिरी वे भारत की चौथे राष्ट्पति (Fourth President) थे उनका जन्म 10 अगस्त 1894 को बरहमपुर गांव मद्रास मे हुआ था।
प्रारभिक जीवन
वी वि गिरी के पिता का नाम बीवी जोगिया पंतुलु और उनकी माता का नाम श्रीमति सुभ्रदम्म था। उनके 12 संतान मे उनका दूसरा स्थान था। उनके सात भाई थे और इनकी पाँच बहने थी। वी वी गिरी ब्रह्मण परिवार से थे। उनके परिवार मे वकील भी थे। और सरकारी कर्मचारी भी थे।
वी.वि. गिरी की शिक्षा एवं राजनीतिक जीवन
वी.वि गिरी की प्रारभिक शिक्षा कलिकोट तथा बरहमपुर मे हुई। इसके बाद उन्होंने सीनियर कैबिर्ज का परीक्षा दिया और आगे की पढाई के लिए सन् 1913 मे इग्लेंड चले गए। वह अगस्त मे 1913 मे आर्यलैंड के राष्ट्रीय विश्वविधालय मे दाखिला लिया। तब उन्होंने राजनीति के विज्ञान, अर्थशास्त्र, की पढाई की।
वी. वि.गिरी 10 सितम्बर 1916 को भारत लौट और 22 वर्ष के उम्र मे उन्होंने वकालत शुरू कर दिया फिर उन्होंने राष्ट्रीय गतिविधियों मे भाग लिया। 1916 मे वी वि गिरी काग्रेस की भाग ले लिया। जब ब्रिटीश शासन मे काग्रेस सरकार ने वर्ष 1942 मे इस्तीफा दे दिया तो उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन मे भाग लेने के लिए श्रमिक आंदोलन मे लौट आए।
वी. वी.गिरी सन् 1967 मे जाकिर हुसैन का जब निधन हुआ तब भारत का राष्ट्पति का पद खाली रह गया तो वी वि गिरी को राष्ट्रपति का पद सोपा गया। इसके बाद सन् 1969 मे वी. वि. गिरी देश के चौथे राष्ट्रपति बने। उन्हे सम्मान के लिए भारत रत्न से नवाजा गया।
वी. वि.गिरी का मृत्यु
वी. वि. गिरी का मृत्यु 23 जून 1980 को 85 वर्ष के आयु मे मद्रास मे हुआ।
5.फखरूद्दीन अली अहमद (13 मई 1905 __ 11 फरवरी 1977)
डॉ फखरूद्दीन अली अहमद भारत का पाँचवे राष्ट्रपति (Fiftht President) थे। उनका जन्म 13 मई 1905 को पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके मे हुआ था।
प्रारभिक जीवन
इनके पिता का नाम कनर्ल जलनूर अली अहमद था उनकी मां का नाम लाहोरी के नवाब की बेटी थी। इनके पिता भारतीय चिकित्सा सेवा मे कार्य करते थे। फखरूद्दीन अली अहमद का विवाह 40 वर्ष की उम्र मे अबिदा नाम की लड़की से हो गया जिनकी उम्र 21 वर्ष की थी।
शिक्षा एवं राजनेतिक सफर
उनकी प्रारभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के सरकारी हाई स्कूल से हुई थी। दिल्ली गर्वनर्मेट मे उन्होंने हाई स्कूल स्कूल से ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की उसके बाद वे आगे की पढाई के लिए भारत को छोड़ दिया 1928 मे उन्होंने कानूनी शिक्षा पूरी की फिर वे भारत आकर हाईकोर्ट मे वकालत शुरू कर दिया।
फिर उन्होंने भारत की राजनीति से जुड़ने का फसेला किया 1928 मे ही वे राजनीति से जुड़ गए 1935 मे फखरूद्दीन अहमद असम प्रदेश के काग्रेस के मुखिया बन गए इसके बाद 1937 मे वे मुस्लिम शीट वित्त और राजस्व मंत्री बन गए । 1940 मे महात्मा गाँधी के सत्यागृह मे आंदोलन मे भाग लिया।
फिर उनको जेल हुई थी। 1952 मे राज्यसभा के सदस्य बने 1962 मे विधानसभा के सदस्य बने वे शिक्षा मंत्री के रूप मे 14 नवम्बर 1966 से 12 मार्च 1967 तक कार्य किया 1974 तक वे इस पद पर काम किया। 25 अगस्त 1974 को फखरूद्दीन अहमद को राष्ट्पति पद सोपा गया।
फखरूद्दीन अहमद की मृत्यु
11 फरवरी सन् 1977 को फखरूद्दीन को दिल का दोरा पढ़ा और आफिस मे ही उनका निधन हो गया।
6.नीलम संजीवा रेड्डी (19 मई 1913 __1 जून 1996)
नीलम संजीवा रेड्डी भारत के छठे राष्ट्रपति (6th President) थे। रेड्डी का जन्म 19 मई 1913 को आध्र् प्रदेश के अनन्तपुर जिले मे हुआ। वे एक किशान परिवार से थे। यह एक कुशन नेता थे।
रेड्डी का प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
नीलम संजीवा रेड्डी के पिता का नाम नीलम चिनप्पा रेड्डी था। उनका परिवार शिव भक्त था। रेड्डी का प्रारभिक शिक्षा मद्रास से शुरू कि। आगे की शिक्षा के लिए आट्रस कॉलेज मे दाखिला लिया और आगे की पढाई छोड़ दी।
रेड्डी का राजनेतिक जीवन
उन्होंने केवल 18 वर्ष के आयु मे स्वतत्रता की लढाई मे भाग लिया। अग्रजो के खिलाफ वे आनंदोलन मे हिस्सा लिया इस समय उन्होंने खादी को अपने पहनावे के रूप मे अपनाया।
वे अपने राजनीति सफर की शुरूवात मे वे युवा काग्रेस के सदस्य बन गए रेड्डी जी 1946 मे विधानसभा के लिए चुने गए। 1949 मे रेड्डी ने वन मंत्री पर कार्य किया। 1951 मे रेड्डी ने आध्र्प्रदेश काग्रेस के अध्यक्ष बन गए। 1956 मे आध्र् प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। 1959 मे मुख्यमत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 1964-1977 तक रेड्डी जी राज्यसभा के सदस्य बन गए। 13 जुलाई 1977 को राष्ट्पति पद मे नियुक्त हुई। 1958 मे नीलम संजीवा रेड्डी को डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
नीलम संजीवा रेड्डी की मृत्यु
रेड्डी जी की मृत्यु 1966 मे जून मे 83 वर्ष के आयु मे हो गया। उनका निधन उनके निवास स्थान पर हुआ।
7.ज्ञानी जेल सिंह (5 मई 1916 __25 दिसम्बर 1994)
ज्ञानी जेल सिंह भारत के सातवे राष्ट्पति (7th President) थे उनका जन्म 5 मई 1916 को पंजाब के फरीदकोट जिले के साध्वान गांव मे हुआ था। जेल सिंह गांधी परिवार के समर्थक थे।
जेल सिंह का प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
जेल सिंह के पिता का नाम किसान सिंह था। जो की एक किसान थे। बचपन मे ही उनकी मां की देहांत हो गया। जिस वजह से उनका पालन पोषण उनकी मौसी ने किया उनको पढ़ाई मे ज्यादा लगाव नही था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी नही की। उन्होंने उर्दू भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। कुछ समय बाद वे गुरु ग्रन्थ का पाठ सिखा। वे मात्र 15 वर्ष की आयु मे ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध के काम किया 1938 मे भारतीय काग्रेस के साथ ब्रिटिश सरकार विरोधी आंदोलन मे काम किया।
जेल सिंह का राजनेतिक जीवन
जेल सिंह को पटियाला और पूर्वी पंजाब का राजस्व मंत्री बना दिया। 1951 मे कृषि मंत्री बन गए 1956-1962 तक राज्यसभा के सदस्य बने रहे 1972 मे पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए 1980 मे लोकसभा की सीट मिल गयी 25 जुलाई 1982 को उन्होंने राष्ट्पति पद सोपा 25 जुलाई 1987 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
जेल सिंह की मृत्यु
25 दिसम्बर 1994 को केशगड़ साहिब जाते समय एक गाड़ी दुर्घटना मे उनकी मृत्यु हो गयी। दिल्ली मे उनका दाह संस्कार हुआ उस एक यकता स्थल का नाम दिया गया।
आर. वेंकटरमण भारत के आठवे राष्ट्पति (8th President) थे उनका पुरा नाम रामस्वामी वेंकटरमण था। वे एक वकील और महान नेता थे। उनका जन्म 4 दिसम्बर 1910 को तमिलनाडु मे तंजौर के पास राजमदम गांव मे हुआ था।
उनका प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
आर. वेंकटरमण के पिता का नाम रामास्वामी अय्यर था। वे तंजौर मे वकील थे। आर. वेंकटरमण ने अपनी प्रारभिक शिक्षा मद्रास मे पूरी की। फिर मद्रास विश्वविधालय अर्थसास्त्र की परिक्षा पास की उसके बाद कानूनी की शिक्षा के लिए डी ला कॉलेज मे दाखिला लिया सन् 1935 मे मद्रास मे वकालत शुरू कर दिया 1942 मे भारत छोड़ो आनंदलोन मे भाग लिया । फिर उनको अग्रेज सरकार ने जेल भेज दिया 1944 मे उनकी रिहाई हुईं। 1949 मे उन्होंने श्रमिक कानून पत्रिका शुरू किया।
आर. वेंकटरमण का राजनैतिक सफर
सन् 1947 से 1950 तक महाराष्ट बार एसोसिएशन के सचिव रहे 1950 मे स्वन्त्र भारत का सदस्य बनाया गया। 1951 मे सुप्रीम कोर्ट का वकील बने 1952 मे देश के प्रथम ससद बने 1953 मे वे भारतीय राष्ट्रीय काग्रेस के सचिव पद पर कार्य किया 1957 में जब लोकसभा चुनाव हुए, तो एक बार फिर से आर. वेंकटरमण जी को सांसद के रूप में चुना गया,. 1957 से 1967 तक आर. वेंकटरमण जी ने मद्रास राज्य में सहकारिता, वाणिज्यिक कर, श्रम, उद्योग, यातायात तथा ऊर्जा जैसे कार्यो को सफलतापूर्वक संभाला.
1980 में वे पुनः लोकसभा चुनाव जीते और सांसद बन गए. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी ने वेंकटरमण जी को वित्त मंत्री बना दिया. 1982 से 1984 तक वेंकटरमण जी को रक्षा मंत्री का भार सौंपा गया. 22 अगस्त 1984 में उन्होंने उपराष्ट्रपति का कार्य संभाला. उसी दौरान वे राज्यसभा के अध्यक्ष भी रहे. 24 जुलाई 1987 को इन्होंने उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दे दिया और 25 जुलाई 1987 को आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपत्र ली.
आर. वेंकटरमण की मृत्यु
आर. वेंकटरमण 98 वर्ष की आयु मे 27 जनवरी 2009 को बीमारी की चलते दिल्ली कर आर्मी अस्पताल मे उनका देहांत हो गया। आर. वेंकटरमण की सम्मान मे 7 दिन राष्ट्रीय शोक घोसित किया गया। वे बहुत ही एक अच्छे इंसान थे।
9.डॉ शंकर दयाल शर्मा (19 अगस्त 1918_ 26 दिसम्बर 1999)
डॉ शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवे राष्ट्पति (9th President) थे। वे एक महान पत्रकार भी थे उनका जन्म 19 अगस्त 1918 को मध्यप्रदेश के भोपाल मे हुआ था।
प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
डॉ शंकर दयाल शर्मा के पिता का नाम खुशीलाल शर्मा और माता का नाम सुभद्रा शर्मा था। शंकर दयाल जी ने अपनी शिक्षा देश एवं विदेश के यूनिवर्सिटी से पूरी की थी. शंकर दयाल जी ने शिक्षा की शुरुवात सेंट जॉन कॉलेज से की थी. इसके बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी और इलाहबाद यूनिवर्सिटी से भी शिक्षा ग्रहण की थी.
लॉ की पढाई (L.L.M) के लिए वे लखनऊ यूनिवर्सिटी चले गए. शंकर दयाल जी Ph.D करने के लिए फिट्ज़विलियम कॉलेज, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए. इसके बाद उन्होंने लन्दन युनिवर्सिटी से में डिप्लोमा किया. इतनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी डॉ शंकर दयाल शर्मा जी यहाँ रुके नहीं, उन्होंने लखनऊ युनिवर्सिटी में 9 साल तक लॉ की शिक्षा दी, और वहां प्रोफ़ेसर रहे. इसके बाद फिर लन्दन चले गए और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भी उन्होंने बच्चों को लॉ की शिक्षा दी.
उनका राजनेतिक जीवन
डॉ शंकर दयाल जी के राजनैतिक सफ़र की शुरुवात 1940 में तब हुई, जब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. 1942 में महात्मा गाँधी द्वारा चले गए “भारत छोड़ो आन्दोलन” में डॉ शंकर दयाल जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी. शर्मा जी ने दिसंबर 1948 में नवाब के खिलाफ जनता आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसके लिए उन्हें गिरिफ्तार भी किया गया था.
1950 से 1952 तक डॉ शंकर जी भोपाल कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बन गए. वे भोपाल के मुख्यमंत्री बन गए एवं 1956 तक इस पद पर रहे. 1956 से 1971 तक डॉ शंकर जी मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे.
1974 से 1977 तक वे कबिनेट में संचार मंत्री रहे इसके बाद वे सबसे पहले 1984 में आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बन गए. और 1985 पंजाब के राज्यपाल बन गए. आखिर में 1986 में डॉ शंकर दयाल जी महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे. 1987 में उपराष्ट्रपति के साथ साथ, डॉ शंकर जी राज्यसभा के अध्यक्ष भी रहे. डॉ शंकर दयाल जी को राष्ट्रपति पद से नवाजा गया. 1992-97 तक शंकर दयाल जी राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे.
डॉ शंकर दयाल शर्मा की मृत्यु
डॉ शंकर दयाल की मृत्यु 26 दिसम्बर 1999 को दिल का दोरा पड़ने के वजह से हो गया। उनका दाह संस्कार दिल्ली मे विजय घाट के पास हुआ।
के आर नारायण का पुरा नाम कोचेरिल रमण नारायण था। वे भारत के दसवे राष्ट्रपति (10th President) थे। वे एक दलित और मलयानी राष्ट्रपती थे। उनका जन्म 27 अक्टूबर 1920 मे केरल के एक छोटे से गांव मे हुआ था।
प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
के आर नारायण का पिता का नाम कोचेरिल रमण विघार था उनकी माता का नाम पुन्नाथठुरावीथी पप्पियाम्मा था। के आर नारायण के पिता को चिकित्सा का ज्यादा ज्ञान था। के आर नारायण के सात भाई बहन थे। वे चौथे नंबर पर थे। वे एक गरीब परिवार से थे।
के आर नारायण की प्रारंभिक शिक्षा 1927 में उझावूर के अवर प्राथमिक विद्यालय में हुई थी. 1931 – 1935 तक, के आर नारायण ने आवर लेडी ऑफ़ लौरदे स्कूल से शिक्षा प्राप्त की. सन 1937 में के आर नारायण जी ने सेंट मेर्री हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
स्कॉलरशिप की मदद से के आर नारायण जी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा कोट्टायम के सी. एम. एस. स्कूल से 1940 में पूरी की. 1943 में उन्होंने B.A एवं M.A English literature में त्रावणकोर विश्वविद्यालय से किया.
1944-45 में के आर नारायण जी ने दी हिन्दू एवं दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पत्रकार के रूप में कार्य किया वे राजनीति विज्ञान की शिक्षा के लिए लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स चले गए.
1948 में वे भारत लौट आए 1954 में दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने बच्चों को शिक्षा भी दी. 1978 में IFS के रूप में जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, उसके बाद वे 1979 मे जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में उपकुलपति रहे. इसके बाद 1980 में अमेरिका का भारतीय एम्बेसडर के लिए बना दिया.
के. आर. नारायण का राजनैतिक जीवन
1984 में वे राजनीति में आ गए एवं लगातार तीन लोकसभा चुनावों में ओट्टापलल में कांग्रेस की सीट से विजयी होकर लोकसभा पहुंचे. 1985 में के आर नारायण को राजीव गांधी सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में सम्मिलित किया गया
राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा जी के कार्यकाल में, के आर नारायण जी को 1992 में उपराष्ट्रपति बनाया गया. 17 जुलाई 1997 में नारायण जी को राष्ट्रपति बना दिया गया. 2002 में के आर नारायण जी का कार्यकाल समाप्त हो गया.
के. आर. नारायण की मृत्यु
के. आर. नारायण की मृत्यु 9 नवम्बर 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में उनका निधन निमोनिया बीमारी के कारण हो गया. दिल्ली में इनका समाधी स्थल बनाया गया, जिसे एकता स्थल कहते है.
11.ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931_27 जुलाई 2015)
अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवे राष्ट्रपति (11th President) थे। ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का पुरा नाम डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गांव मे मुस्लिम परिवार मे हुआ था।
प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
इनके पिता जैनुलाब्दीन था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे। उनके पाँच भाई एवं पाँच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे। पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ था।
कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण किया जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
वैज्ञानिक जीवन एवं राजनैतिक जीवन
1972 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।
कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता हासिल किया।
कलाम ने भारत को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में एक विशिष्ट सोच प्रदान की। उन्होंने अपना सारा ध्यान “गाइडेड मिसाइल” के विकास पर कार्य किया। अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय काफी कुछ उन्हीं को है।
जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया इन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था 18 जुलाई 2002 को कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।
भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया गया
1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया
ए. पी. जे अब्दुल कलाम की मृत्यु
अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 को दिल का दोरा आने से बेथानी अस्पताल मे उनका देहांत हो गया। 30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति (President)
को पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।
12.श्रीमती प्रतिभा पाटिल (19 दिसम्बर 1934 )

श्रीमती प्रतिभा पाटिल भारत की बारहवा राष्ट्रपति थी (12th President) वे भारत की पहली महिला राष्ट्रपति है इनका जन्म 19 दिसंबर, 1934 को महाराष्ट्र के जलगाँव जिले में नन्दगाँव गाँव में हुआ था.
प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
इनके पिता का नाम नारायण राव पाटिल थे, जो एक राजनेता थे. प्रतिभा जी की प्रारंभिक शिक्षा जलगाँव के R.R विद्यालय से हुई थी. इसके बाद कॉलेज की पढाई उन्होंने जलगाँव के मूलजी जेठा कॉलेज से की. कानून की पढाई के लिए वे सरकारी लॉ कॉलेज मुंबई चली गई. आगे इन्होंने राजनीति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री प्राप्त की.
उन्होंने 1962 में एम् जे कॉलेज में ‘कॉलेज क्वीन’ का ख़िताब जीता. 7 जुलाई 1965 को प्रतिभा जी ने देवसिंह रनसिंह शेखावत से विवाह कर लिया. प्रतिभा जी के 1 बेटा एवं 1 बेटी है.
प्रतिभा पाटिल का राजनैतिक सफर
प्रतिभा जी ने वकालत की प्रैक्टिस जलगाँव जिला कोर्ट से शुरू की. प्रतिभा जी का राजनैतिक सफ़र 27 साल की उम्र से तब शुरू हुआ, जब वे महाराष्ट्र के जलगाँव सीट से विधानसभा सदस्य बनी. 1962 से लगातार 4 साल तक प्रतिभा जी मुक्ति नगर विधानसभा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट प्राप्त कर जीतती रही और MLA के पद में रही।
महाराष्ट्र विधानसभा में कई साल वे अलग अलग पद में कार्यरत रही. सन 1967-72 के बीच श्रीमती प्रतिभा पाटिल शिक्षा के उप मंत्री का कार्य संभाला
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद की सदस्य भी रही. श्रीमती प्रतिभा जी 8 नवम्बर 2004 को राजस्थान की गवर्नर बन गई, 25 जुलाई 2007 में श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हो गई. 2011 तक वे इस पद में विराजमान रही.
वे 1982 से 85 तक महाराष्ट्र राज्य के जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष भी रही. 1988-90 तक महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रही. 1985 में श्रीमती प्रतिभा जी AICC की मेम्बर बन गई. 1988 में वे राष्ट्रमंडल प्रेसीडेंसी अधिकारी सम्मेलन की मेम्बर रही भारत की प्रतिनिधि के तौर पे सम्मलित हुई.
प्रणव मुखर्जी भारत के 13वे राष्ट्रपति (13th President) थे उनका जन्म 11 दिसम्बर 1935 को बगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव मे हुआ था। उनका पुरा नाम पोल्टू प्रणव मुखर्जी था।
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उनका प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
इनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी एक स्वतंत्रता संग्रामी थे और 1952-64 तक बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे. इनकी माता गृहणी एवं भारतीय स्वतंत्रता सैनानी थी. घर में राजनैतिक माहोल होने की वजह से बचपन से ही प्रणब मुखर्जी जी का मन राजनीति में आने का था. एक बंगाली कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका विवाह सन् 1957 मे हो गया उनकी पत्नी का नाम सुरवा मुखर्जी था।
प्रणब मुखर्जी जी ने शुरूआती पढ़ाई तो अपने स्थानीय स्कूल में ही पूरी की, लेकिन आगे की पढ़ाई सूरी विद्यासागर कॉलेज से राजनीति शास्त्र एवं इतिहास में स्नातक करते हुए पूरी की थी. फिर प्रणब जी ने कानून की पढाई के लिए कलकत्ता में एंट्री की और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया.
उनका राजनैतिक जीवन
अपने करियर की शुरुवात प्रणब मुखर्जीजी ने पोस्ट एंड टेलेग्राफ़ ऑफिस से की थी जहां वे एक क्लर्क थे. सन 1963 में विद्यानगर कॉलेज में वे राजनीती शास्त्र के प्रोफेसर बन गए और साथ ही साथ देशेर डाक में पत्रकार के रूप में कार्य करने लगे.
प्रणब मुखर्जी जी ने राजनैतिक सफ़र की शुरुवात 1969 में की. वे कांग्रेस का टिकट प्राप्त कर राज्यसभा के सदस्य बन गए, सन 1973 में औद्योगिक विकास मंत्रालय में उप-मंत्री बन गए. सन 1982से 1984 तक वित्त मंत्री रहे थे.
सन 1985 में प्रणब जी पश्चिम बंगाल कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रहे. उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विदेश मंत्रालय का कार्य भी सौंपा गया.
सन 1999 से 2012 तक प्रणब मुखर्जी जी केंद्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष रहे. सन 1997 में प्रणब मुखर्जी को भारतीय सांसद का ख़िताब दिया गया.
सन 2004 में प्रणब मुखर्जीजी ने जंगीपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर लोकसभा सदस्य बन गए. सन 1985 से प्रणब जी जो पश्चिम बंगाल कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे, 2010 में उन्होंने किसी मतभेद के चलते उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
जुलाई सन 2012 में प्रणब मुखर्जी जी राष्ट्रपति पद पर विराजमान हो गए.
पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी का 31 अगस्त 2020 को स्वास्थ्य ख़राब होने की वजह से देहवसान हो गया है. प्रणब दा का पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं था, जिसके चलते उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती किया गया था. वे कोमा में चले गया हैं और बाद में उन्हें वेंटीलेटर में भी रखा गया. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी अब हमारे बीच में नहीं है।
राम नाथ कोविंद ( 1 अक्टूबर 1945)
राम नाथ कोविंद एक भारतीय राजनेता हैं जो भारत के 14 वें और वर्तमान राष्ट्रपति (14th President) के रूप में कार्यरत हैं। राम नाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के परौंख गाँव में मौइकू लाल और कलावती के यहाँ हुआ था। राम नाथ कोविंद ने 30 मई 1974 को सविता के साथ शादी के बंधन में बंध गए और दंपति का एक बेटा प्रशांत कुमार और एक बेटी स्वाति है।
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति के नाम (Name of the current President of India)
उनका प्रारभिक जीवन एवं शिक्षा
उनके पिता एक “परौख गांव के चौधरी”, एक “वैद्य” जो किराना और परिधान की दुकानों के मालिक थे। जबकि उनकी माँ एक गृहिणी थीं।
जब कोविंद पांच साल के थे, तब उनके फूस के घर में आग लगने से उनकी मां ने दम तोड़ दिया। वह पांच भाई और दो बहनों में सबसे छोटा था।
जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कानपुर देहात के खानपुर शहर से की। बाद में, वह कानपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य और कानून की पढ़ाई करने के लिए कानपुर शहर चले गए।
उन्होंने एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और 1971 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के साथ एक वकील के रूप में कार्य किया। राम नाथ कोविंद ने 1971 में बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील के रूप में कार्य किया।
1978 में, वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने और 1980 से 1993 तक भारत के सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के लिए एक स्थायी वकील के रूप में कार्य किया।
राजनैतिक जीवन
कोविंद 1991 में भाजपा में शामिल हुए और 1998 और 2002 के बीच भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। कोविंद अप्रैल 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने और मार्च 2006 तक लगातार दो बार सेवा की।उन्हें अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था और 2017 तक इस पद पर कार्य किया।
उन्हें भारत के 14वें राष्ट्रपति (President) के रूप में नामित किया गया, 20 जुलाई 2017 को चुनाव जीता और 65.5% वोट प्राप्त किए। वह केआर नारायणन के बाद दूसरे दलित अध्यक्ष बने, और इस पद के लिए चुने जाने वाले आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले पहले भाजपा उम्मीदवार भी हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वर्तमान मे भी वही भारत के राष्ट्रपति है।
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