PM नरेंद्र मोदी और जापानी PM फुमिओ किशिदा की दी हुई टिप्पणी से पाकिस्तान को लगा करारा झटका

भारत-जापान के बिच हुए संयुक्त बयान में पाकिस्तान और आतंकवाद का जिक्र किया गया है. बयान में पाकिस्तान से यह कहा गया की वो आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। इस बयान को सुनने के बाद पाकिस्तान की तरफ से काफी नाराजगी जताई और कहा गया कि जब दो देशों के मध्य बात चित हो और संयुक्त बयान जारी किया जाय तो उस में किसी तीसरे देश का जिक्र नहीं किया जाना चाहिए।
जापान देश के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपनी भारत भ्रमण के दौरान शनिवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट के साथ ही चीन की आक्रामकता पर भी चर्चा करी। मुलाकात हो जाने के बाद दोनों देशों के मध्य हुए बात चित का एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें पाकिस्तान और आतंकवाद का जिक्र किया गया।
पाकिस्तान की ओर से इस बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी गयी,
बयान में पाकिस्तान को लेकर हुई टिपण्णी में कहा गया है की, ‘दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी और व्यापक तौर से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। उन्होंने सभी देशों से यह आह्वान भी किया कि वह सुनिश्चित करें कि वो अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल न होने दें।
संयुक्त बयान जारी होने पर भड़का पाकिस्तान
भारत में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके अब्दुल बासित द्वारा भारत-जापान के इस जारी हुए संयुक्त बयान पर कड़ी आपत्ति को जताया। उन्होंने यह कहा कि ये कोई पहली मर्तबा नहीं है जब भारत ने किसी दूसरे देश के साथ संयुक्त बयान में पाकिस्तान का जिक्र किया है बल्कि पहले भी अमेरिका के साथ हुए बैठक में भारत के संयुक्त बयानों में पाकिस्तान का जिक्र किया जाता रहा है।
अब्दुल बासित ने जापान का जिक्र करते हुए कहा , ‘जापान की ओर से ऐसे मौकों पर पाकिस्तान का जिक्र करना 2016 से हे शुरू हुआ था। उसके बाद से हर साल जब भी भारत – जापान की बैठक हुई है, तब – तब भारत के साथ जापान के संयुक्त बयान में पाकिस्तान का जिक्र होता आ रहा है। इस बार तो FATF का भी जिक्र किया गया है जबकि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल हुए आज तीन साल हो गए हैं और पाकिस्तान द्वारा FATF की सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा भी किया गया है। अब ये बात अलग है कि FATF अब एक राजनीतिक हथियार बन गया है और इसके ज्यादातर फैसले राजनीतिक बुनियादों पर ही होते हैं।
अब्दुल बासितद्वारा कहा गया कि ऐसा हो नहीं सकता की दो देशों के संयुक्त बयान में किसी तीसरे देश का जिक्र न हुआ हो। संयुक्त बयान में उत्तर कोरिया का भी जिक्र किया गया है जिसे लेकर, उन्होंने कहा कि भारत और जापान, दोनों देशों के रिश्ते उत्तर कोरिया से अच्छे नहीं है इसलिए बयान में उत्तर कोरिया का जिक्र होना समझ में तो आता है लेकिन जापान के साथ तो पाकिस्तान के रिश्ते अच्छी स्थिति में हैं, फिर भी बयान में पाकिस्तान का जिक्र समझ में नहीं आता है।
इसके साथ ही अब्दुल बासित ने पाकिस्तान की सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो इस तरह के जारी किये गए संयुक्त बयानों पर आपत्ति जताती तो दोबारा ये नहीं होता। उन्होंने पाकिस्तान सरकार के उपर द्विपक्षीय रिश्तों पर न जोर देने का भी आरोप लगाया।
बासित ने यह भी कहा की , ‘जब 2016 में पहली बार भारत-जापान के संयुक्त बयान में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का जिक्र किया गया, उससे पहले भी हमारी ये कोशिश ये होनी चाहिए थी कि हम भारत-जापान को ये चेतावनी दें तथा उन पर जोर डालें कि पाकिस्तान का नाम इस तरह से नहीं लिया जाना चाहिए। अभी भी मैं यह देखता हूं कि हमारा ध्यान द्विपक्षीय रिश्तों पर ज्यादा नहीं होता इसलिए जब इस तरह के बयान आते हैं तो हम परेशान हो जाते हैं।