गोवा में प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC पर छापा, गांजा बरामद, एक सदस्य अरेस्ट।

 गोवा में प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC पर छापा, गांजा बरामद, एक सदस्य अरेस्ट।

प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने गोवा में चुनावी काम के लिए पोरवोरिम में 8 बंगले किराए पर ले रखे हैं. पुलिस ने इन बंगलों पर ही रेड की है. कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए I-PAC के कर्मचारी की उम्र 28 साल है.

गोवा में प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC पर छापा, गांजा बरामद, एक सदस्य अरेस्ट। गोवा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए जमीन को तैयार करने के लिए कोशिश कर रहे हैं राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC के एक कर्मचारी को शहर से गिरफ्तार किया है, आरोपी के पास से गांजा प्राप्त हुआ  (मादक पदार्थ)  इसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामलों  को  दर्ज किया गया है। 

ल्द ही गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होने वाले हैं  पिछले करीब ढाई साल से TMC के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं शांति किशोर गोवा में पार्टी का काम संभाल रहे हैं जल्द ही कुछ दिन पहले प्रशांत और टीएमसी के बीच रिश्तो में  खटास की खबरें आई थी यह पहली बार ही नहीं हुआ है  की  किशोर की किसी पार्टी से रिश्तो में खटास आई है। 

आइए जानते हैं प्रशांत और ममता के बीच अनबन क्यों?

हाल ही में ममता सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दावा कर दिया था- कि उनके अकाउंट से”One Man One post “को लेकर कुछ पोस्ट शेयर की गई है इस बारे में उनसे कोई परमिशन नहीं लिया  गया था।   बता दें कि टीएमसी ने पिछले साल जून में One Man One Post पहल को शुरू किया था. तब I-PAC कंपनी ने भी इसे अपनी स्वीकृति दी थी  और कई युवा कार्यकर्ताओं ने इसका समर्थन किया था यहां टीएमसी ने पिछले साल जून में One Man One Post पहले से शुरू किया था तब I-PAC कंपनी ने भी इसे अपनी स्वीकृति दी थी। 

कार्यकर्ताओं ने इसका समर्थन भी किया था तब सीएम ममता बनर्जी ने भी  पैरवी की थी.  लेकिन फिर से जब कोलकाता निकाय चुनाव के लिए Firhad  Hakim को टिकट दिया गया  तो  ममता बनर्जी ने इसका समर्थन किया। तो ममता बनर्जी ने इसका समर्थन किया. ऐसे में पार्टी के अंदर ही One Man One Post के दावों को लेकर सवाल खड़े हो गए। 

I-PAC ने क्यों दी थी सफाई 

इस विवाद पर I-PAC ने भी अपनी प्रतिक्रिया को बढ़ावा दी थी I-PAC के  डिजिटल  प्रॉपर्टी का इस्तेमाल नहीं करते हैं जो भी लोग ऐसे दावा कर रहे हैं उसे तो यहां जानकारी नहीं है कि यानी कि वह झूठ बोल रहा है इसीलिए उस बात को लेकर बहुत ही  तेजी  से दावा किया जा रहा है कि जो सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए थे वह सिर्फ बंगाल चुनाव से पहले तक संक्रिया थे। बाद में सभी पासवर्ड पार्टी को सौंप दिए थे और हल ही  फैसला पार्टी द्वारा ही लिया गया था

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Revolt News 24 Bureau

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