गुरु प्रदोष व्रत पर पूजा के समय पढ़ें भगवान शिव के ये प्रिय मंत्र

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. आज के दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-उपासन करने का विधान है.
आज प्रदोष व्रत है, जो हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. पूजा के समय भगवान शिव के प्रिय मंत्रों का जाप अवश्य करें, माना जाता है इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आज शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट के बीच भगवान शिव का पूजन करना शुभ माना जा रहा है. यदि संभव हो तो भगवान शिव के किसी मंदिर में जाएं और वहां शिव परिवार का दर्शन करें. शिवलिंग पर ओम नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ भगवान शिव को गंगाजल से अभिषेक करें.
मान्यता है कि दिन के अनुसार प्रदोष व्रत का अलग महत्व और फल मिलता है. इस बार गुरुवार के दिन होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है, जिसमें से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है. इस बार प्रदोष व्रत 16 दिसंबर 2021 यानि आज रखा जा रहा है.
भगवान शिव के प्रिय मंत्र |
1.ऊँ नमः शिवाय।
2.नमो नीलकण्ठाय।
3.ऊँ पार्वतीपतये नमः।
4.ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
5.ऊँ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
ओम साधो जातये नम:।।
ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।।
ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।।
ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
रुद्र गायत्री मंत्र |
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र |
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ