(The flood situation may worsen due to heavy rains, at the juncture of danger.) भारी बारिश से और बिगड़ सकती है बाढ़ की स्थिति, खतरे के मोड़ पर।

 (The flood situation may worsen due to heavy rains, at the juncture of danger.) भारी बारिश से और बिगड़ सकती है बाढ़ की स्थिति, खतरे के मोड़ पर।

केंद्रीय जल आयोग की ताजा दैनिक बाढ़ स्थिति रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि नदी स्थलों की कुल संख्या जहां पानी खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है, 13 जुलाई को 15 से बढ़कर 22 हो गया.

दो दिनों पहले ये संख्या 15 थी. सीडब्ल्यूसी बाढ़ पूर्वानुमान नेटवर्क के अनुसार कुल चार नदियां (आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में एक-एक) गंभीर बाढ़ की स्थिति में बह रहे हैं, और 18 नदियां (महाराष्ट्र में 5, असम, बिहार, तेलंगाना में 3-3 और आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 2-2) सामान्य से ऊपर बाढ़ की स्थिति में बह रहे हैं.

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बारिश के पानी नदियों के बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए 31 बैराजों और बांधों (कर्नाटक में 12, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना में 4-4, मध्य प्रदेश में 3, मध्य प्रदेश में 2 बांध, गुजरात और उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात में 1-1) के लिए पूर्वानुमान जारी किया गया है.

बता दें कि इन राज्यों के अलावा कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बारिश का कहर जारी है. ऐसे में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तटीय जिलों के उपायुक्तों के बारिश साथ उडुपी जिले में बुधवार को बैठक की और हालात का जायजा लेने के साथ ही राहत बारिश व बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली.

तटीय कर्नाटक और मलनाड के कई हिस्सों में बारिश जारी है जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इसके अलावा भूस्खलन और भू-कटाव की कई घटनाएं हुई हैं. क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं, कई बांध अधिकतम सीमा तक भर गए हैं, कृषि भूमि और निचले इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे फसलों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।

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