इस शुभ मुहूर्त में शुरू करें करवा चौथ की पूजा, देखें पूजन सामग्री की लिस्ट

करवा चौथ की पूजा के लिए अब कुछ ही समय शेष रह गया है. पूजा की तैयारी शुरू कर दें. उससे पहले ये सुनिश्चत कर लें, कि पूजा की सामग्री कोई छूटी तो नहीं है. शुभ मुहूर्त में विधि विधान से पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें. ज्योतिष के अनुसार इस बार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ की पूजा होगी. इस नक्षत्र में विधि विधान के साथ पूजा करने से व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आर्शीवाद मिलेगा.
कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि यानि आज जिन सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा है, वे पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें. ज्योतिष के अनुसार इस बार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ की पूजा होगी. इस नक्षत्र में विधि विधान के साथ पूजा करने से व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आर्शीवाद मिलेगा, साथ ही उनकी हर मनोकामना भी पूरी होगी.
पूजा की थाली करें इस तरह तैयार
करवा चौथ की पूजा करने से पहले मंदिर की अच्छी तरह से साफ सफाई कर लें. इसके बाद कलश सजाएं और पूजा की थाली तैयार करें. पूजा की थाली को ‘बाया’ भी कहते हैं. इसमें सिन्दूर, रोली, जल और सूखे मेवे रखे जाते हैं. थाली पर मिट्टी के दीए के साथ ही पूजा की और भी जरूरी चीजें रखी जाती हैं.
व्रत पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा के लिए आठ पूरियों की अठावरी और हलुवा बनाएं. पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं. गौरी को चुनरी ओढ़ाएं. बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें. इसके बाद करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें. उसके ऊपर दक्षिणा रखें. रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं. गौरी-गणेश की परंपरानुसार पूजा करें. पति की दीर्घायु की कामना करें.
करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें. कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सांस के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें. रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्ध्य दें. इसके बाद पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें.
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 13अक्टूबर 2022, रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इस दिन चांद निकलने का समय 8 बजकर 11 मिनट पर है. पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2022 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा.
करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शाम तक न तो कुछ खाना और नाहीं पीना है. पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें. एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं. पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर दें. इसके बाद चांद के दर्शन कर व्रत खोलें.
करवा चौथ पूजन के लिए जरूरी सामग्री
1. चंदन
2. शहद
3. अगरबत्ती
4. पुष्प
5. कच्चा दूध
6. शक्कर
7. शुद्ध घी
8. दही
9. मिठाई
10. गंगाजल
11. कुंकू
12. अक्षत (चावल)
13. सिंदूर
14. मेहंदी
15. महावर
16. कंघा
17. बिंदी
18. चुनरी
19. चूड़ी
20. बिछुआ
21. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन
22. दीपक
23. रुई
24. कपूर
25. गेहूं
26. शक्कर का बूरा
27. हल्दी
28. पानी का लोटा
29. गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी
30. लकड़ी का आसन
31. चलनी
32. आठ पूरियों की अठावरी
33. हलुआ
34. दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, इत्यादि