बहन को विदा करने से पहले शहीद हो गया जवान, CRPF ने शादी में ऐसे निभाया भाई का फर्ज़

शैलेंद्र प्रताप सिंह के पिता ने कहा, “मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अब सीआरपीएफ जवानों के रूप में हमारे कई बेटे हैं जो सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं.”
सीआरपीएफ जवानों (CRPF jawans) का एक समूह सोमवार को कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह (Constable Shailendra Pratap Singh) की बहन की शादी में शामिल हुआ, जो पिछले साल पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे. जब वह ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे तब वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 110वीं बटालियन में तैनात थे. इंडिया टुडे के अनुसार, कॉन्स्टेबल सिंह के सहयोगी उत्तर प्रदेश में उनकी बहन ज्योति की शादी में पहुंचे और उन फर्ज़ को पूरा किया जो आमतौर पर दुल्हन के भाई निभाते हैं.
Brothers for life:
As elder brothers, CRPF personnel attended the wedding ceremony of Ct Shailendra Pratap Singh's sister. Ct Sahilendra Pratap Singh of 110 Bn #CRPF made supreme sacrifice on 05/10/20 while valiantly retaliating terrorist attack in Pulwama.#GoneButNotForgotten pic.twitter.com/iuVNsvlsmd
— ????????CRPF???????? (@crpfindia) December 14, 2021
सीआरपीएफ द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई तस्वीरों से पता चलता है कि ‘वर्दी में पुरुष’ दुल्हन को मंडप तक ले गए – एक ऐसा कार्य जो आमतौर पर भाइयों द्वारा किया जाता है. ट्वीट में कहा गया, “बड़े भाइयों के रूप में, सीआरपीएफ के जवान कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन के विवाह समारोह में शामिल हुए.” इसमें कहा गया, “110 बटालियन सीआरपीएफ के कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह ने पुलवामा में आतंकवादी हमले का बहादुरी से जवाब देते हुए 05/10/20 को सर्वोच्च बलिदान दिया.”
सीआरपीएफ जवानों ने दुल्हन को आशीर्वाद दिया और शादी में उपहार दिए. शैलेंद्र प्रताप सिंह के पिता ने कहा, “मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अब सीआरपीएफ जवानों के रूप में हमारे कई बेटे हैं जो सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं.”
पिछले साल अक्टूबर में, आतंकवादियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक राजमार्ग पर ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ कर्मियों पर गोलियां चलाईं. हमले में सीआरपीएफ के कम से कम दो जवान शहीद हो गए और पांच घायल हो गए. आतंकवादियों ने उस समय हमला किया जब सीआरपीएफ के जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ, 5 अक्टूबर को पंपोर बाईपास पर सड़क खोलने का अभियान चला रहे थे.
सीआरपीएफ के बयान में कहा गया, “जेकेपी के साथ सीआरपीएफ की 110 बटालियन के जवान आरओपी कर रहे थे, जिस दौरान अज्ञात आतंकवादियों (12:50 घंटे) ने जवानों पर गोलियां चलाईं. इस घटना में सीआरपीएफ के कुल 05 जवान घायल हो गए थे और उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया.”