आईये जाने दुनिया के 7 अजूबों के नाम क्या है (Seven Wonders of the world)

 आईये जाने दुनिया के 7 अजूबों के नाम क्या है (Seven Wonders of the world)

7 अजूबों (Seven Wonders) जो प्राचीन समये में हुआ कारती थी,  7 अजूबों का विचार सबसे पहले इसका “ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस “और विद्यमान कल्लिमचुस को आज के करीब 2200 सौ वर्ष पहले आया था इन दोनों महान विद्वानों ने दुनिया के सात अजूबों Seven Wonders से अवगत कराया है हालांकि इनमें से सभी पुराने अजूबे नष्ट हो गए हैं और वर्तमान समय में सिर्फ एक गीजा का पिरामिड ही सुरक्षित बचा है।

दुनिया के 7 अजूबों (Seven Wonders of the world)

चलिए अब बात करते हैं दुनिया के 7 अजूबों Seven Wonders नए अजूबों के बारे में क्योंकी अब पुराने सात अजूबे नष्ट हो चुके हैं ये 2000 ईस्वी में स्विजरलैंड में “the new Seven Wonders Foundation” ने नए तरीके से दुनिया में सात अजूबों Seven Wonders को चुनने के लिए ऑनलाइन वोटिंग करवाई जिसमे पूरी दुनिया के 100 मिलियन लोगों ने ऑनलाइन वोट और यह वोटिंग 2017 तक चलता रहा था, और इस वोटिंग के आधार पर दुनिया में ने सात अजूबों का चुनाव किया गया था।

  • गेट पिरामिड ऑफ गीजा
  • कोलोसुस  ऑफ रोडेंज
  • हैंगिंग गार्डन ऑफ बेबीलोन
  • लाइटहाउस ऑफ अलेक्सान्दिरा
  • माउससोलर का मकबरा
  • स्टैचू ऑफ जीउस ओलंम्पिया
  • टेंम्पल ऑफ आर्टोमिस 

दुनिया के 7 अजूबों के नाम (Seven Wonders Name of the world)

  • चीन की दीवार (The Great wall of chain )
  • चिचेन इत्ज़ा (Chichen Itza)
  • पेट्रा (Petra)
  • ताजमहल (Tajmahal)
  • कोलोसियम (Colosseum)
  • माचू पिच्चु (machu Picchu)
  • क्राइस्ट रिडीमर (Christ the redeemer )

तो हम लोगों ने जान लिया कि दुनिया में 7 अजूबों Seven Wonders कौन-कौन से हैं अब आइए जानते हैं इन सात अजूबों की  क्या भूमिका है और इसका क्या महत्व है पूरे विवरण के साथ,

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चीन की दीवार( The Great wall of china)

The Great wall of china

चीन की दीवार 7 अजूबों Seven Wonders में से एक है इसका निर्माण सातवीं शताब्दी में किया गया था तथा यह सातवीं शताब्दी से लेकर 16100 शताब्दी तक चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा बाहरी आक्रमणों से बचाने के लिए किया गया था इसका कुल लंबाई सृष्टि 6400 किलोमीटर है तथा ऊंचाई लगभग 35 फीट है और प्राचीन के पूर्वी हिस्से से लेकर प्राचीन हिस्से तक फैली हुई हुआ करती थी इश्क बनवाने की शुरुआत चीन के शासक किंग सी हुआंग ने कराया था।

चीन की दीवारों के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इससे अंतरिक्ष में भी देखा जा सकता था वाणी में कुल 20 37 लाख तक लोगों ने अपनी जान गवाई थी इसे वर्ल्डस ना 1970 में पर्यटक को के लिए खोला गया था वर्ष 187 में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था हर साल लगभग एक लाख पर्यटक इसे देखने आते थे चीन की दीवार मानव के इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ मानव निर्मित का ढांचा है।

चिचेन इत्ज़ा (Chichen Itza)

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मेक्सिको में स्थित चिचेन इत्ज़ा बहुत ही पुराना मयान मंदिर है,और दुनिया के 7 अजूबों Seven Wonders का निर्माण 600 एचडी में किया गया है और यह मेसीको के सबसे पुराने स्थानों में से एक माना जाता है यह कुल 5 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला क्षेत्र है पिरामिड के आकार का यह मंदिर 79 फिट ऊंचा है चीले इंतजाम माया का सबसे बड़ा शहर है इसकी जनसंख्या भी काफी बड़ी है इस मंदिर के ऊपर तक जाने के लिए हर दिशा में 910 रखी गई है। 

यूं कहें बनाई गई है जो कि चारों ओर से कुल मिलाकर 365 चिड़िया लगाई गई हैं जो कि कहा जाता है कि यह सभी 365 सीढ़ियां हैं वर्ष 365 दिनों का सीलबं करके बनाया गया है इसको वर्ष1988 मैं यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया। 

पेट्रा (Petra)

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इसका निर्माण लगभग 312 बीसी में किया गया है जॉन्डर ने दक्षिण में स्थित पेट्रा शहर अपने अनोखी कलाकृति एवं खूबसूरती इमारतों के कारण ही दुनिया में 7 अजूबों Seven Wonders मैं शामिल है और ये चट्टानों को काटकर इसे शहर के रूप में परिवर्तित किया गया था, जो की इसे बहुत ही खास बनाती है लाखों की संख्या में हर वर्ल्ड से  विदेशी पर्यटक इसके खूबसूरती को देखने आते थे, वर्ष 1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया।

ताजमहल (Tajmahal)

जैसा कि हम सब जानते हैं ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में स्थित है यह ऐतिहासिक धरोहर प्यार की निशानी मानी जाती है इसका निर्माण सन 1632 ईस्वी से लेकर 16 से 53 ईसवी तक किया गया इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था पूरी तरह सफेद संगमरमर से यह बनवाया गया अनोखा कालकृतियों खूबसूरती का बहुत ही अच्छा नमूना है इसकी ऊंचाई 73 मीटर है और इसके चारों तरफ बागवान लगा हुआ है। इसके बारे में ऐसा कहा जाता है,

कि बादशाह शाहजहां के द्वारा ताजमहल को बनवाने वाले कारीगरों के हाथ भी काट दिए गए थे ताकि वह कभी भी किसी और का उस तरह से ताजमहल या फिर घर का निर्माण ना कर सके इससे, इसे कारीगर इसरार अहमद लाहौरी के द्वारा ही बनवाया गया था हर साल लाखों की संख्या में देश विदेश से पर्यटक ताजमहल को देखने आते हैं वर्ष 182 में यूनेस्को विश्व धरोहर में इसको शामिल किया गया था। 

कोलोसियम (Colosseum)

आईये जाने दुनिया के 7 अजूबों के नाम क्या है (Seven Wonders of the world)

कोलोसियम इटली के रूम में स्थित एक विशाल प्रकार का स्टेडियम है इसका निर्माण शासक  बेस्पियन के द्वारा कराया गया था जो 72 आईडी से शुरू होकर 80 आईडी में बना कर तैयार किया गया है इसमें 50000 से भी अधिक दर्शकों की बैठने की जगह होती है इसे रेट कंक्रीट से बनाया गया था इस स्टेडियम में पुराने खेल और जैसे घुड़सवारी और कई अनेक प्रकार की संस्कृति योजनाओं द्वारा करते थे अब तो प्राकृतिक आपदा के कारण इसका काफी हिस्सा नष्ट हो चुका है फिर भी यह जगह दुनिया के ऐतिहासिक धारणाओं में शामिल है और इसे साल 1980 में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।

माचू पिच्चु (machu Picchu)

आईये जाने दुनिया के 7 अजूबों के नाम क्या है (Seven Wonders of the world)

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के पेरू देश के कुंजको के नजदीक स्थित माचू पिच्छू भी दुनिया के 7 अजूबों Seven Wonders में शामिल किया गया है यह ऐतिहासिक समुद्र तल से 2430 मीटर ऊंचाई “एडम्स एंडीज पर्वत” पर स्थित है यहां पर इंका सभ्यता निवास किया करते थे,

इसका निर्माण राजा पंचाकूति ने 14 सीसी के आस पास करवाया था बाद में इस जगह को स्पेन के द्वारा जीतने के बाद ऐसे ही छोड़ दिया गया था के कारण यह सभ्यता मिट्टी चली गई फिर जाकर साल 1911 में अमेरिका इतिहासकार हीरम बिंघम ने इस जगह को खोज कर दुनिया से अवगत कराया था और इसी साल 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।

क्राइस्ट रिडीमर (Christ the redeemer )

आईये जाने दुनिया के 7 अजूबों के नाम क्या है (Seven Wonders of the world)

ईसा मसीह की ये विशाल प्रतिमा ब्राजील की राजधानी “रियो डे जेनेरियो” के “सीजुका फॉरेस्ट नेशनल पार्क में कोको बानो माउंटेन के पिक पर स्थित है। इसकी लंबाई 98 फीट है और इसके आधार को 26 फीट मिलाकर इसकी कुल ऊंचाई 124 फीट है। इसके बाबू और हाथों की लंबाई 92 फीट है।

इस प्रतिमा को भी दुनिया के 7 अजूबों में शामिल किया गया है।इस 635 मीट्रिक टन वजन वाली मूर्ति को डिजाइन करने वाले Heitor Da Silva Costa, Carlos Oswald हैं। और इसके निर्माण कर्ता फ्रेंच के Paul Landowski हैं।ये मूर्ति दुनिया भर के ईसाई धर्म के लोगो के लिए एक प्रतीक स्थल है।

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