सोलोगामी क्या होता है ….? जाने इसके बारे में और इसका इतिहास (What is sologamy….? Know about it and its history)

क्षमा बिंदु ने खुद से की शादी
सोलोगामी क्या होता है ….? जाने इसके बारे में और इसका इतिहास (What is sologamy….? Know about it and its history)
देश में आया सोलोगामी का पहला मामला (First case of Sologamy came in the country)
सोलोगामी शब्द सुनने में अजीब लगा न । ये एक नया शब्द है जो हाल ही में बहुत प्रचलित है इस शब्द का हिंदी अर्थ है एकल विवाह यानि खुद से विवाह करना । लोग अपने माता पिता से प्रेम करते है , अपने परिवार से करते है । लेकिन जो लोग इनसे अलग प्रेम करते है उनके साथ विवाह के बंधन में बंधना चाहते है ।
लेकिन कई लोगों को सच्चा जीवनसाथी नहीं मिलता तो वो अकेले रहना पसंद करते है या किसी के साथ रहकर अपने जीवन से समझौता करते है और वक़्त के साथ अपने साथी के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश करते है । परन्तु आज कल लोग अकेले ही विवाह करने की रीत निभा रहे है ।
शादी एक सबसे पवित्र रिश्ता है इस दुनिया का । जब भी शादी होती है उसमें दूल्हा और दुल्हन होते है जो एक दुसरे का जीवनभर साथ देने का वचन देते है । जैसे जैसे दुनिया बदल रही है लोगों के विचारधारा में बदलाव भी आ रहा है । एक बड़ा ही अजीब और हैरत में डालने वाला मामला सामने आया है । हम बात कर रहे है क्षमा बिंदु की जिन्होंने खुद से ही शादी कर ली । वो भारत में समाज के रीती रिवाजों के विरूद्ध जा कर ये विवाह की ।
गुजरात की रहने वाली क्षमा बिंदु ने की खुद से शादी (Kshama Bindu, a resident of Gujarat, married herself)
क्षमा बिंदु 24 साल में ही शादी कर ली । ये भारत के पहली शादी है जिसमें दुल्हे की जरुरत ही नहीं पड़ी । दुल्हन ने अकेले ही सारी रस्में निभाई और पुरे रीति रिवाज के साथ शादी की ।
कौन है क्षमा बिंदु :- What is sologamy
क्षमा बिंदु गुजरात के वड़ोदरा शहर की निवासी है। वह समाजशास्त्र से स्नातक है । इन दिनों वो एक निजी कंपनी में एचआर डिपार्टमेंट में काम करती है । उनके माता पिता इंजीनियर है, उनके पिता दक्षिण अफ्रीका में रहते है, और माँ अहमदाबाद में रहती है । क्षमा ने एक इंटरव्यू में बताया की वो किसी आदमी से शादी नहीं करना चाहती पर वो दुल्हन बनना चाहती है ।
क्षमा ने ये भी बताया की वो काफी दिन से इसके बारे में वो विचार कर रही थी । उन्होंने इन्टरनेट की साहयता से इसके बारे में जाना और उन्होंने पाया की भारत देश में वो ऐसी पहली नागरिक होंगी जो ये विवाह करेंगी । क्षमा बताती है की वो 11 जून को गोत्री के एक मंदिर खुद के द्वारा खुद के लिए पांच कसमों के साथ शादी करेंगी ।
शादी में क्या क्या हुआ :-
- शादी में सारी रस्में निभाई गयी । शादी के लिए लहंगा , पार्लर , ज्वेल्लेरी ये सब कुछ बुक हो गया
- क्षमा ने हनीमून का प्लान भी बनाया है । वो 2 हफ्ते गोवा में हनीमून मनाएंगी ।
- क्षमा लाल जोड़ा पहने हाथों में मेहँदी लगाये दुल्हन बन् कर मंडप में बैठी और वो सारे रस्में निभाई जो हिन्दू विवाह में होती है ।
- क्षमा ने अकेले ही सात फेरे लिए , अपने हाथ से खुद को सिंदूर लगाया और मंगलसूत्र भी पहनाया ।
शादी तय समय से 2 दिन पहले ही हो गयी । क्षमा ने 11 जून को शादी करने का तय किया था परन्तु विवादों को देखते हुए उन्होंने तय समय से तीन दिन पहले ही शादी कर ली ।
शादी में क्षमा के ख़ास दोस्त और अन्य रिश्तेदार मिला के 40 लोग शामिल हुए । नाच गाना सगीत जैसे ख़ुशी भरे माहोल में रस्में पूरी की गयी । क्षमा ने शादी की रस्में 40 मिनट में पूरी की । क्षमा ने बताया की उनके पडोसी को इस शादी को लेकर नाराज़गी जाहिर कर रहे थे, उन्हें डर था की शादी के दिन वो कोई बाधा न डाल दें इसलिए उन्होंने तय समय से पहले शादी की ।
उनकी इच्छा थी की उनका विवाह मंदिर हो लेकिन उन्हें विवादों के चलते विवाह स्थान बदलना पड़ा । शादी की सारी रस्में निभाने के बाद क्षमा ने अपने दोस्तों के साथ “लन्दन ठुमुकदा” गाने पर डांस किया ।
शादी में पंडित जी ने मंत्र पढने से मन कर दिया । वो पहले सहमती दिए थे फिर उन्होंने विरोध को देखते हुए शादी कराने से मना कर दिया । लेकिन क्षमा जिद पर अदि रही की वो ये शादी पूरा करके रहेंगी । वह टेप पर मंत्र चला के सात फेरे लेंगी और इस विवाह को संपन्न करेंगी ।
क्षमा ये मानती है की ये आत्म-प्रेम है और वो इसका उदहारण स्थापित करने वाली पहली लड़की है ।
क्षमा शादी का कराएंगी कानूनी पंजीकरण :-
भारत में एकल विवाह यानी सोलोगामी को लेकर अब तक कोई कानून नहीं है पर क्षमा कहती है की वो इसका सामन्य तरीके से क़ानूनी पंजीकरण करवाएंगी । क्षमा का मानना है खुद से शादी करना कोई अवैध नहीं है ।
कई राजनितिक नेताओ ने विरोध जताया :-
- भाजपा की नगर इकाई की उपप्रमुख सुनीता शुक्ला ने कहा है कि यह शादी मंदिर में हो रही है तो हम ऐसा नहीं होने देंगे. ऐसी शादियां हमारे धर्म के खिलाफ हैं. इससे हिंदू जनसंख्या कम होगी.
- कांग्रेस नेता मिलिंद देवरा ने इसे पागलपन करार दिया है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह पागलपन भारत से दूर ही रहे.
- एक यूजर ने लिखा- अगर यह पागलपन है तो भारत में मंगल का संकट शांत करने के लिए जब लड़की की शादी पेड़ और कुत्ते से करवाई जाती है तो वो क्या होता है.
क्या ये दुनिया में पहली शादी है …?
इसका जवाब है नहीं ये दुनिया की पहले ऐसी शादी नहीं है । सबसे पहले दुनिया में पहली शादी अमेरिका में 1993 में एक महिला ने की थी ।
इनका नाम लिंडा बारकर है इन्होने ही दुनिया में सबसे पहले सोलोगामी शादी की है । लिंडा ने अपने शादी में 75 मेहमानों को बुलाया था । इसके बाद से पश्चिमी देशों में इसका प्रचलन बड़ा और धीरे धीरे भारत में आ पंहुचा ।
सोफी टेनर लंदन में रहने वाली है इन्होने 38 साल की उम्र में शादी की थी । उन्होंने 2015 में शादी की थी सोफी अपनी ज़िन्दगी के अनुभव साझा करके कहती है कि दुनिया में ज्यादातर लोग बाहर जाने, औरों से मिलने और शादी करने की ख्वाहिश करते हैं, लेकिन अपनी खुशियों की ओर लौटने और उसपर ध्यान देने को उतनी अहमियत नहीं दी जाती है। शुरुआत में सोफी का इरादा केवल एक ऐसी किताब लिखना था, जिसमें एक महिला खुद के साथ शादी करती है।
जिस वक्त उन्होंने यह किताब लिखने की ठानी, तब उनके दिमाग में यह बात नहीं थी कि आगे चलकर वह खुद ऐसा ही करेंगी। किताब लिखने की तैयारी करते हुए सोफी ने सोलोगमी के बारे में काफी शोध किया। इसी दौरान वह खुद भी इसकी ओर आकर्षित हुईं ।
एरिका ऐंडरसन न्यू यॉर्क में रहती इन्होने भी खुद से शादी की । हालाकि यह उनकी दूसरी शादी थी । जब वो विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड से शादी कर ली थी । लेकिन यह शादी चली नहीं और उनका तलाक हो गया । और उन्होंने खुद से प्यार करना शुरू किया वो नहीं चाहती थी दूसरों वजह से उनका दिल टूटे, इसी कारण से उन्होंने खुद से विवाह का निर्णय लिया ।
कई बुद्धिजीवियों का मानना है की लोगों में शादी को लेकर उत्साह कम हो रहा है । इसका सबसे बड़ा कारण है तलाक । आधुनिक समाज में तलाक ज्यादा हो रहा है । तलाक दर की बात की जाए तो अमेरिका में हर 36 सेकंड में एक तलाक होता है ।बेल्जियम में तो करीब 70 फीसद शादियों में तलाक हो जाता है। स्पेन, पुर्तगाल, लक्समबर्ग, हंगरी और चेक रिपब्लिक में 60 प्रतिशत से ज्यादा शादियां तलाक पर खत्म होती हैं ।
एकल विवाह भले ही आज के दौर में कम है पर आने वाले वक़्त में ये और भी जयादा बढेगा । आने वाले वक़्त में शायद शादी की जो परम्पराए है वो धीरे-धीरे समाज से विलुप्त हो जाएगी , और इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण है युवाओं में विवाह को लेके उत्साह की भारी कमी । विवाह की जो जिम्मेदारियां और जटिलताओं से आज युवा झुझना नहीं चाहता । आधुनिक युवतियां और महिलाएं अपनी माँ की तरह पारंपरिक विवाह की संस्था से जुड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि लव-इन संबंधों में इतनी तेजी आ रही है। खुद से शादी करने के बढ़ते मामले भी इन्हीं चीजों का मिला-जुला नतीजा हैं।
लोगों को लगता है कि किसी और से शादी करने से बेहतर खुद के साथ शादी करना है। हालाकि ऐसा करने वालों की आलोचना करने वाले भी बहुत लोग हैं। आलोचकों का कहना है कि यह चलन ‘आत्ममुग्धता’ का चरम है। लेकिन जो लोग ऐसा करते हैं, वे शायद इस बात से राजी न हों। वैसे देखा जाए, तो शादी न करना और खुद से शादी करना दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू लगते हैं।
सोलोगामी क्यूँ हो रहा है महिलाओं में प्रचलित :-
- महिलाओं को लगता है कि वो खुद के साथ जितना खुश रह सकती है पार्टनर के साथ नहीं रह पाएंगी।
- सोलोगैमी अपनाकर लड़कियां खुद से और जीवन से जुड़ाव महसूस करती है। इसके लिए किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है।
- कई लड़कियों को पार्टनर की जरूरत नहीं होती है। इसलिए वो इस रास्ते पर आगे बढ़ती हैं।
- जब लड़कियों को पार्टनर नहीं मिलता या फिर वो धोखा खाती हैं तो सोलोगैमी की तरफ बढ़ जाती हैं।
सोलोगामी का समाज पर प्रभाव :-
लंदन , अमेरिका , और भारत जैसे देशों में एकल विवाह (सोलोगामी ) धीरे-धीरे प्रचलन में आ रहा है । आगे चल के अगर ये महिलाओं को प्रभावित किया तोह विवाह के लिए लड़की मिलना बहुत कठिन हो जायेगा ।
इन सब महिलाओं ने खुद से इतना प्यार किया की सेल्फ लव की परिभाषा बदल डाली । कुछ शायरी जो बताती है की हम अपने लिए कितने ख़ास है :-
“मुश्किलों में कोई साथ न दे तो मायूस न होना,
इस जिंदगी में खुद से बढ़कर कोई हमराही नहीं”
“ऐतबार है मुझे खुद से खुद के इश्क़ पर,
ये कभी भी अधूरा नहीं रहेगा।”
“बड़े नखरे होते है दूसरों के इश्क़ में,
इसलिए मैं खुद से ही इश्क़ में हूँ।”